नई दिल्ली.नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने व्हाट्सऐप (WhatsApp) को UPI पर लाइव जाने की इजाजत दे दी है. NPCI के मुताबिक व्हाट्सऐप अपने UPI यूजर बेस को चरणबद्ध तरीके से बढ़ा सकता है जिसकी शुरुआत UPI में अधिकतम 20 मिलियन के रजिस्टर्ड यूजर बेस के साथ होगी. मौजूदा समय में, पेटीएम, गूगल पे और फोन पे डिजिटल भुगतान के बाजार में बड़े खिलाड़ी हैं.आपको बता दें कि व्हाट्सऐप काफी समय से अपनी पेमेंट सर्विस की शुरुआत करने की कोशिश कर रही है क्योंकि वह भारत में डिजिटल पेमेंट मार्केट में आना चाहती है. पिछले साल जुलाई में उसके ग्लोबल हेड Will Cathcart कुछ सीनियर अधिकारियों के साथ भारत आए थे. वे आरबीआई, NPCI और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अधिकारियों और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद से मुलाकात के लिए आये थे. मीडिया से बातचीत में Cathcart ने कहा था कि कंपनी का पेमेंट्स सर्विस को इस साल लॉन्च करने का इरादा है.
क्या है WhatsApp Pay सर्विस- व्हाट्सएप पे का भारत में दो साल से बीटा टेस्टिंग में चल रही है. पेमेंट मैथड में आ रहीं कुछ दिक्कतों की वजह से भारत में WhatsApp Pay अभी तक आधकारिक रूप से लॉन्च नहीं किया गया है लेकिन अब व्हाट्सऐप पे जल्द भारत में लॉन्च हो जाएगा. ये सर्विस यूपीआई पर आधारित है. इस सर्विस के शुरू होने पर आप कहीं भी और कभी भी किसी को पैसे भेज पाएंगे.
यूजर्स को पहली बार मिलेंगे ये फायदे-
WhatsApp Pay सर्विस की मदद से आप कहीं पर भी, किसी के भी अकाउंट में पैसे ट्रांसफर (Money Transfer) कर सकते हैं. ये यूपीआई सर्विस होगी. यूपीआई की ऐप काफी खास होती हैं क्योंकि ये सिर्फ पेमेंट का ही काम नहीं करते बल्कि और भी कई सारे काम करते हैं. इस समय आप BHIM, Phone Pay, Google Pay, Mobikwik, Paytm जैसे कई ऐप की मदद से भी UPI का इस्तेमाल कर सकते हैं
UPI के जरिए आप बिल पेमेंट कर सकते हैं. इसके अलावा आप किसी को ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं. साथ ही सीधे बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करना (money transfer in account) और रिचार्ज भी कर सकते हैं.
एनपीसीआई की वेबसाइट के अनुसार, अभी एक खाते से रोजाना 1 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. इस ऊपरी सीमा के तहत अलग-अलग बैंकों ने अपनी सब-लिमिट बना रखी है. इसके लिए आपको अपने बैंक से संपर्क करना होगा.
1 जनवरी से लागू होगा नया नियम-NPCI ने UPI में प्रोसेस्ड ट्रांजैक्शन के कुल वॉल्यूम पर 30 फीसदी की सीमा लगाई है जो सभी थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स (TPAPs) के लिए लागू है. यह नियम 1 जनवरी 2021 से लागू होगा. NPCI ने प्रेस रिलीज में कहा कि UPI के प्रति महीने 2 अरब ट्रांजैक्शन की संख्या पर पहुंचने और भविष्य में ग्रोथ देखते हुए यह किया गया है. बयान के मुताबिक, इससे UPI इकोसिस्टम के आगे बढ़ने के साथ उसके जोखिमों को दूर करने और सुरक्षा बेहतर करने में मदद मिलेगी. 30 फीसदी की सीमा को पिछले तीन महीने के दौरान UPI में प्रोसेस्ड ट्रांजैक्शन के कुल वॉल्यूम के आधार पर कैलकुलेट किया जाएगा.
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