चीन कोरोना महामारी पर काबू पाने में अपनी कामयाबी को अब स्कूलों में पढ़ाएगा। चीन के शिक्षा मंत्रालय ने इसके लिए तैयार पाठ को मंजूरी दे दी है। इस कामयाबी से संबंधित पहलुओं को प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में बायोलॉजी, हेल्थ और फिजिकल एजुकेशन, इतिहास और साहित्य विषयों में शामिल किया जाएगा।
मंत्रालय ने बताया कि इससे छात्रों को ये समझने में आसानी होगी कि कम्युनिस्ट पार्टी और चीन सरकार हमेशा लोगों के जीवन और उनकी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती हैं। मंत्रालय ने कहा कि छात्रों को महामारी नियंत्रण के प्रयासों के दौरान सामने आए मुख्य पहलुओं और उस समय किए गए कार्यों के बारे में बताया जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि चीन के अपने विशेष समाजवादी मॉडल के क्या फायदे हैं।
इसे पढ़कर छात्र कम्युनिस्ट सरकार के मानवीय प्राथमिकताओं को समझेंगे – मंत्रालय मंत्रालय के बयान से साफ है कि छात्रों को सरकारी पहल की खूबियों के बारे में बताया जाएगा। लेकिन महामारी के आरंभिक दिनों में उसे छिपाने की हुई कोशिशों और इस बारे में बोलने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को खामोश करने के हुए प्रयासों की उसमें चर्चा नहीं होगी। उस दौरान चीन सरकार का व्यवहार संदिग्ध रहा था। उसी वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन की पिछली बैठक में वायरस की उत्पत्ति के हालात की अंतरराष्ट्रीय जांच कराने का फैसला हुआ। मगर इस बारे में चीनी छात्रों को जानकारी दी जाएगी, इसके संकेत नहीं हैं।
अब भी चीन में कोविड-19 के छिटपुट मामले, सर्दियों में फिर से कोरोना लहर आने की आशंका
वैसे ये सच है कि चीन ने मोटे तौर पर कोरोना महामारी पर काबू पा लिया है। हाल में वहां कोरोना संक्रमण के छिट-पुट मामले ही सामने आए हैं। ऐसे मामलों में चीनी अधिकारियों ने स्थानीय लॉकडाउन लागू किए और सबका टेस्ट कर संक्रमित व्यक्तियों को अलग-थलग कर दिया। लेकिन बीमारी पर अंतिम रूप से नियंत्रण पा लिया गया है, ये कहना अभी जल्दबाजी होगी।
खुद चीन के राष्ट्रीय विकास एवं सुधार आयोग ने स्थानीय सरकारों को एक आदेश भेजकर उन्हें परिवारों को उचित सलाह देने को कहा है। उनसे कहा गया है कि सर्दियों में कोविड-19 और फ्लू के फैसने का जोखिम बढ़ेगा। उस समय के लिए परिवारों को जरूरी चीजों की खरीदारी कर लेनी चाहिए।
चीन ने कई प्रांतों में एहतियाती कदम उठाए, लोगों को सतर्क रहने की दी हिदायत
ग्वांगदोंग प्रांत में वहां के स्वास्थ्य आयोग ने 33 ऐसी चीजों की सूची जारी की है, जिन्हें खरीद कर रखने की सलाह परिवारों को दी गई है। इनमें फेस मास्क, एंटी-बैक्टीरियल स्वैब से लेकर बिस्कुट और पानी के बोतल जैसी चीजें शामिल हैं। इससे मिलते-जुलते आदेश बीजिंग, जिनान, निन्गबो और कई दूसरे शहरों में भी जारी किए गए हैं। ऐसी खबरे हैं कि देश भर में अस्पताल जरूरी चीजों का भंडार तैयार कर रहे हैं।
इसके अलावा स्टेडियमों, प्रदर्शनी हॉल और कुछ दूसरे सार्वजनिक स्थलों को तैयार किया जा रहा है, ताकि जरूरत पड़ने पर उनका क्वारैंटीन सेंटर के रूप मे इस्तेमाल किया जा सके। झेजियांग प्रांत में हर जिले के अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे हर शहर में कम से कम दो ऐसे बड़े स्थल तैयार रखें, जिन्हें आपातकाल में तुरंत मेडिकल सेंटर में तब्दील किया जा सके।
बेशक, पहले से ऐसी तैयारियां शायद दुनिया के किसी और देश में नहीं की जा रही हैं। इसे चीन सरकार की खूबी कहा जा सकता है। लेकिन अभी जबकि ऐसे खतरे बने हुए हैं, उस हाल में स्कूलों में अपनी कामयाबी को एकतरफा ढंग से पढ़ाने के उनके नजरिए पर कई हलकों से सवाल उठाए गए हैं। कोरोना वायरस की शुरुआत चीन से हुई थी।
तब वहां 86,070 मामले सामने आए थे, जिनमें 4,634 लोगों की मौत हो गई थी। अभी मंगलवार तक वहां 49 कोरोना पोजिटिव मामले थे, जिनमें से 44 लोग विदेश से संक्रमित होकर आए थे। मास टेस्टिंग में 61 बिना लक्षण वाले मामले भी देश में हाल में सामने आए हैं।
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