आईपीएल में हार-जीत के साथ अंक तो मायने रखते ही हैं, उनके साथ ही रनरेट का भी अहम योगदान होता है। इस बात को फिलहाल कोई टीम सबसे अधिक समझ रही होगी तो वो है कोलकाता नाइटराइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद। आईपीएल के 13वें सीजन में प्लेऑफ के लिए लंबे इंतजार के बाद मंगलवार को चौथी टीम भी मिल गई। कड़ी प्रतिस्पर्धा और अंकों के साथ रनरेट के गणित के बीच सनराइजर्स हैदराबाद की टीम नॉकआउट स्टेज में जगह बनाने में सफल रही।
बात करें अंकों की तो हैदराबाद, बैंगलोर और कोलकाता, इन तीन टीमों के 14-14 अंक थे। ऐसे में सिर्फ दो ही टीमें अगले दौर में जा सकती थीं। इस स्थिति में रनरेट का सहारा लिया गया और हैदराबाद-बैंगलोर को इसका फायदा मिला। वहीं कोलकाता को लगातार दूसरे सीजन कमजोर रनरेट की मार झेलनी पड़ी।
दरअसल 2019 में आईपीएल के 12वें सीजन में भी कोलकाता नाइटराइडर्स की टीम रनरेट के आधार पर प्लेऑफ में पहुंचने से चूक गई थी। उस वक्त भी उसे सनराइजर्स हैदराबाद से पिछड़ना पड़ा था। तब हैदराबाद, कोलकाता और पंजाब तीनों के ही 12-12 अंक थे, लेकिन उस वक्त भी अच्छे रनरेट के आधार पर सनराइजर्स क्वालीफाई कर गई थी।
कोलकाता के साथ जो हुआ वो उसकी गलती ही कही जाएगी क्योंकि उसने शुरुआती मैचों में कई प्रयोग किए और अच्छे मुकाबलों को अपने पक्ष में करने में असफल रही। वहीं हैदराबाद की टीम ने कई करीबी मुकाबले हारे और हार के बावजूद अपने अच्छे रनरेट को बरकरार रखा।
Add Comment