रायपुर. कोरोना संकटकाल में लाकडाउन के कारण प्रदेश भर में परिवहन व्यवस्था ठप होने से 12 हजार बसों के पहिए थम गए थे। इसकी वजह से बस आपरेटर को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा। बस आपरेटर शासन को प्रतिमाह करीब छह करोड़ रुपये का रोड टैक्स देते हैं।
बस आपरेटरों ने परिवहन मंत्री से रोड टैक्स माफ करने की मांग की थी। शासन ने दो महीने सितंबर और अक्टूबर 2020 का टैक्स माफ करने की घोषणा पिछले दिनों की थी। इस घोषणा के बाद अब जाकर राजपत्र में इसकी अधीसूचना प्रकाशित कर सभी आरटीओ को यह आदेश जारी कर दिया गया।
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने कोरोना काल में यात्री बसों के पहिए थमे होने के कारण परेशान बस आपरेटरों को राहत देते हुए दो महीने सितंबर और अक्टूबर 2020 का रोड टैक्स माफ करने के साथ ही अनयूज्ड वाहनों का मासिक शुल्क पांच सौ रुपये से सौ रुपये कर दिया है यानी पांच गुना शुल्क भी कम कर दिया गया।
इस छूट का लाभ प्रदेश के 12 हजार बस आपरेटरों को मिलेगा। राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के मुताबिक कोरोना संक्रमण के दौरान बसों का नियमित संचालन नहीं होने का उल्लेख करते हुए सितंबर और अक्टूबर महीने के देय मासिक टैक्स करीब छह-छह करोड़ रुपये की छूट देने के आदेश जारी किए गए हैं। लिहाजा अब बस आपरेटरों को दो महीने का बकाया टैक्स करीब 12 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
वेतन-भत्ते का प्रमाण देने पर मिलेगी छूट
टैक्स छूट का लाभ लेने के लिए बस आपरेटरों को जून से अगस्त महीने तक का उनकी बसों में कार्यरत चालक-परिचालकों को दिए गए वेतन-भत्तों का प्रमाणपत्र आरटीओ दफ्तर में पेश करना अनिवार्य होगा। वहीं बसों का संचालन नहीं करने और अनयूज्ड घोषित करने पर सौ रुपये प्रतिमाह परिवहन विभाग को शुल्क देना होगा। यह छूट 31 मार्च, 2021 तक लागू रहेगी। साथ ही मासिक टैक्स जमाकर दोबारा बसों का संचालन कर सकेंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले राज्य सरकार ने लाकडाउन की स्थिति को देखते हुए यात्री बसों के अप्रैल, मई, जून का मासिक टैक्स माफ किया था। इसके बाद जुलाई और अगस्त में बसों को अनयूज्ड करने पर पांच सौ रुपये मासिक जमा करने का आदेश जारी किया गया था। तीसरी बार सितंबर और अक्टूबर का टैक्स माफ किया गया।
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