Corona: मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, लॉकडाउन और WFH… क्या फिर लौटेंगे वो दिन? कोरोना का BF.7 वैरिएंट ने बढ़ाई टेंशन

चीन में बाढ़ की तरह अचानक कोरोना की आमद, अस्पतालों और श्मशान घाटों की डरावनी तस्वीरें, अस्पताल में इलाज के लिए मचा हाहाकार. इन घटनाओं ने भारतीयों को 2020-21 के अप्रैल मई की याद दिला दी. भारत की जनता सपनों में भी उन दिनों को जीना नहीं चाहेंगी. सड़कों पर पैदल चलते प्रवासी मजदूरों की कतारें, हर चीज को पकड़ने-छूने में झिझक, अफवाहों से पैदा हुई झूठी-सच्ची कहानियां और अस्पताल जाने पर जिंदगी-मौत का अनुभव.
2020 और 2021 में भारत ने कोरोना के दौरान जो देखा वो आज की पीढ़ी शायद ही भूल पाए. तब मास्क हर सांस का अनिवार्य हिस्सा था. सोशल डिस्टेंसिंग जिंदगी में शामिल हो चुका था. मदर डेयरी की बूथ हो या फिर किराने के दुकान पर बनी गोलाकार निशान. ये चीजें हमें अनुशासन सिखा गईं. लाखों लोगों के लिए उनका दफ्तर आलिशान कॉरपोरेट ऑफिस से निकलकर छोटे-छोटे कमरों में वर्क फ्रॉम होम की शक्ल में सिमट गया. लंबे-लंबे लॉकडाउन का जो दौर हमने देखा है उसे शायद ही कोई अपनी जिंदगी में रिपीट करना चाहेगा.
लेकिन न चाहते हुए भी चीन एक-डेढ़ साल बाद उसी दौर से गुजर रहा है. चीन में अस्पतालों में मारामारी मची है. दवाओं की किल्लत है. कई शहरों में प्रतिबंध है, लेकिन लोग इलाज के लिए बाहर आ रहे हैं.
अभी चीन की जो हालत है उसे देखकर भारत के भी कई लोग इस बात की आशंका जता रहे हैं कि भारत ऐसी स्थिति में न पहुंचे इसलिए क्या हमारे यहां भी अब मास्क जरूरी होने वाला है, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कड़ाई से होगा, बिना टेस्टिंग या बिना कोविड निगेटिव सर्टिफिकेट के आवाजाही में परेशानी होगी. या फिर अगर स्थिति हल्की सी भी गंभीर हुई तो भारत में भी सूनी सड़कें देखने को मिल सकती है. इसके अलावा वर्क फ्रॉम होम और लॉकडाउन जैसा माहौल भी बन सकता है. हालांकि अभी इसकी आशंका न के बराबर है.
लॉकडाउन
कोरोना की वजह से लॉकडाउन की घोषणा सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च 2020 को की थी. लेकिन तबतक कई राज्य अपने अपने इलाकों में आंशिक लॉकडाउन लगा चुके थे. इसके बाद 2021 में भी लॉकडाउन लगा, लेकिन ये राष्ट्रव्यापी नहीं था. अगले के चरणों में राज्य सरकारें और केंद्रीय प्रशासन अपनी अपनी जरूरतों के अनुसार लॉकडाउन लगा रहे थे. बाद में राज्य सरकारें कोरोना लॉकडाउन की बजाय कंटेंमेंट जोन बनाने पर जोर देने लगी, ताकि लॉकडाउन के आर्थिक दुष्प्रभाव से बचा जा सके. फिलहाल देश में लॉकडाउन लगाने जैसी कोई स्थिति नहीं है.