रायपुर. केंद्र सरकार के कृषि कानून को रोकने और प्रदेश में नए कृषि कानून के लिए छत्तीसगढ़ सरकाण्र ने दो दिवसीय विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। विशेष सत्र के पहले दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच राज्य के नए कृषि कानून को लेकर चर्चा हुई। राज्य के नए कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक में 7 प्रावधान किए गए हैं, जिनमें…
- निजी मंडियों को डीम्ड मंडी घोषित किया जाएगा
- निजी मंडियों में भंडारण की तलाशी का अधिकार
- राज्य के अधिकारियों को जांच का अधिकार
- अनाज की आवाजाही निरीक्षण में जब्ती का अधिकार
- मंडी समिति, अधिकारियों पर वाद-दायर करने का अधिकार
- जानकारी छुपाने, गलत जानकारी देने पर 3 माह की सजा
- इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और आनलाइन भुगतान संचालन राज्य सरकार के नियम से होगा
इससे पहले सदन में चर्चा के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने कृषि कानून सहित अन्य मुद्दों पर केंद्र सरकार को जमकर खरीखोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि नकल करने के चक्कर में BJP ने देश को बर्बाद कर दिया। घोषणा पत्र में हमारे वादे को कुछ अलग थे। चाहे UPA की GST को लेकर हो या कृषि पर किया वादा हो।
उन्होंने आगे कहा कि हम केंद्रीय कानून से को छू भी नहीं रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि चुनावों के कारण भाजपा ने बोनस दिया था। उन्होंने आगे कहा कि रमन ने किसानों से किए वादों को पूरा नहीं किया।
सीएम बघेल ने राज्य हित के लिए रमन सिंह से अपील की है कि वे केंद्र से बात करें। उनके मुताबिक केंद्र के कानून से जमाखोरी बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने धान खरीदी का कोटा बढ़ाने को लेकर भी केंद्र पर हमला बोला। वहीं इथेनॉल प्लांट अनुमति के लिए केंद्र का धन्यवाद भी किया।
बता दें विशेष सत्र में राज्य के नए कृषि कानून को लेकर सदन में चर्चा हो रही है। विपक्ष ने सदन में राज्य के कृषि विधेयक में बदलाव के लिए संशोधन और समय की मांग की है। विपक्ष के विरोध पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि इस विधेयक में विज्ञापन की कोई जरूरत नहीं होगी। सदन ने विपक्ष सदस्यों ने इस पर आपत्ति सुनी।
विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि इस विधेयक में किसी विज्ञापन की जरूरत नहीं है। सदन ने सरकार का पक्ष और विपक्षी सदस्यों की आपत्ति सुनी। छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक 2020 को पुन: स्थापन की अनुमति दी है।
Add Comment