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सरकार ने दी किसानों को बड़ी सौगात! पानी की किल्लत को दूर करने के लिए 3500 करोड़ रु की योजना की लॉन्च

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से गुजरात में तीन परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इन तीन योजनाओं में से एक है ‘किसान सूर्योदय योजना’. इस योजना का मकसद गुजरात के किसानों को सिंचाई के लिए दिन के समय बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना है.

इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात ने बिजली के साथ सिंचाई और पीने के पानी के क्षेत्र में शानदार काम किया है. बीते दो दशकों के प्रयासों से आज गुजरात उन गांवों तक भी पानी पहुंच गया है, जहां कोई पहले सोच भी नहीं सकता था. गुजरात के करीब 80 फीसद घरों में आज नल से जल पहुंच चुका है. बहुत जल्द गुजरात देश के उन राज्यों में होगा जिसके हर घर में पाइप से जल पहुंचेगा.



किसानों को सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक मिलेगी बिजली- इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को रात की बजाए जब सुबह यानी कि 5 बजे से लेकर रात 9 बजे के दौरान तीन फेज बिजली मिलेगी, तो ये नया सवेरा ही तो है.

मैं गुजरात सरकार को बधाई दूंगा कि बाकी व्यवस्थाओं को प्रभावित किए बिना, ट्रांसमिशन की बिल्कुल नयी कैपेसिटी तैयार करके ये काम किया जा रहा है. इस योजना के तहत अगले 2-3 वर्षों में लगभग साढ़े 3 हजार सर्किट किलोमीटर नयी ट्रांसमिशन लाइनों को बिछाने का काम किया जायेगा.

योजना के लिए 3,500 करोड़ रुपये का बजट किया आवंटित- इस योजना के पहले चरण में दाहोद, पाटण, महिसागर, पंचमहाल, छोटा उदयपुर, खेड़ा, आणंद और गिर सोमना जिले को शामिल किया गया है. शेष बचे जिलों को चरणबद्ध तरीके से इस योजना में 2023 तक शामिल किया जाएगा. योजना के लिए राज्य सरकार ने 3,500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है.

ये दो योजनाओं की भी की शुरूआत- किसान सूर्योदय योजना के अलावा प्रधानमंत्री ने जूनागढ़ जिले में गिरनार रोपवे और अहमदाबाद स्थित यू एन मेहता हृदयरोग संस्थान और शोध केंद्र से संबंद्ध बच्चों के हृदयरोग से संबंधित अस्पताल का उद्घाटन किया. इस अवसर पर वह अहमदाबाद सदर अस्पताल में टेली-कार्डियोलॉजी के लिए मोबाइल एप्लीकेशन सुविधा का भी उद्घाटन किया.



क्या है इन तीन योजनाओं में खास?- बता दें सौराष्ट्र क्षेत्र के जूनागढ़ के निकट गिरनार पहाड़ी पर हाल ही में रोपवे बनकर तैयार हुआ है. पहाड़ी के ऊपर मां अम्बे का मंदिर है. लगभग 2.13 किलोमीटर की दूरी तय कर लोग रोपवे से मंदिर तक का सफर आठ मिनट में पूरा कर सकते हैं.

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक इस रोपवे के जरिए प्रति घंटे 800 सवारियों को लाया और ले जाया जा सकता है. इस परियोजना की परिकल्पना दो दशक पूर्व की गई थी लेकिन हाल ही में 130 करोड़ रूपये की लागत से यह पूरी हुई है.

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