रायपुर: पीसीसी चीफ मोहन मरकाम द्वारा नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक को लेकर दिए बयान पर पूर्व सीएम रमन सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने मोहन मरकाम पर निशाना साधते हुए कहा है कि यदि कोई शराब में मिलावट या अधिक कीमत में बेचने की शिकायत करता है, तो यह जरूरी नहीं है कि वह पीता ही हो। उनके बयान से ही समझ आता है कि मोहन मरकाम का स्तर कितना ऊंचा है। नेता प्रतिपक्ष के पास जो शिकायतें आई हैं उस आधार पर उन्होंने यह बयान दिया है। उनके खिलाफ इस तरह का बयान अशोभनीय है।
रमन सिंह ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर कहा कि कृषि कानून को लेकर कांग्रेस केवल भ्रम फैलाना चाहती है। धान खरीदी व्यवस्था का इस कानून से कोई लेना-देना नहीं है। धान खरीदी की व्यवस्था और रेट तय करने का काम केंद्र सरकार का है। अगर आपने चुनाव में घोषणा की है तो उसको पूरा करने का काम राज्य सरकार का है।
वहीं, इससे पहले नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मोहन मरकाम पर पलटवार करते हुए कहा था कि उन्हें सरकार बनने से पहले 2018 में कांग्रेस को गंगाजल की कसम की याद करने की जरूरत है। शराब में पानी मिलाने के प्रकरण सामने आए इसका और ओवररेट होने की बात खुद इस सरकार ने विधानसभा में प्रश्न के जवाब में कहा है और लगता है कि कांग्रेसी अब केवल सत्ता के नशे में मदमस्त ही नहीं बल्कि दूसरी चीजों में भी मदमस्त हो गए हैं।
गोरतलब है कि पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक शराब के आदी हैं, तभी उनको पता है कि शराब में पानी मिली है या फिर ओवररेट है। उन्होंने कहा कि कौशिक शायद भूल गए हैं कि शराब दुकानों का सरकारीकरण उनके ही भाजपा सरकार के कार्यकाल में शुरू हुआ था।
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