रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राज्य शासन की महत्वाकांक्षी ‘गोधन न्याय योजना‘ के तहत राज्य के 86 हजार 158 पशु पालकों से की गई गोबर खरीदी के एवज में 6वीं किस्त की राशि 9 करोड़ 12 लाख रूपए का ऑनलाइन भुगतान किया। गोधन न्याय योजना के तहत अब तक गोबर विक्रेताओं को 39 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री आज अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित गोधन न्याय योजना के कार्यक्रम में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के गोढ़ी और रायगढ़ जिले के ननसिया के गौठान के स्व-सहायता समूह की महिलाओं से चर्चा की और उनकी आयमूलक गतिविधियों के बारे में जानकारी ली।
उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के कलेक्टरों एवं जिला पंचायतों के मुख्यकार्यपालन अधिकारियों को गौठानों में क्रय किए जा रहे गोबर से बनने वाली वर्मी खाद की पैकेजिंग और उसके विपणन की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में बनने वाली खाद का सोसायटियों के माध्यम से विक्रय और गौठान समिति के खाते में खाद के विक्रय की राशि का जमा होना जरूरी है, ताकि गौठान समितियां स्वावलंबी और स्वयं की राशि से गोबर की खरीदी करने में सक्षम बन सके।
मुख्यमंत्री ने सभी गौठानांे में आजीविका ठौर की स्थापना पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे गौठानों में आयमूलक गतिविधियों के संचालन में सुविधा होगी और गौठानों में चहल-पहल बनी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से यह भी जानना चाहा कि वर्मी खाद के विक्रय की वजह से जिलों के कितने गौठान गोधन न्याय योजना के संचालन के लिए स्वावलंबी हो चुके है।
कार्यक्रम में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि गोधन न्याय योजना गरीबों, ग्रामीणों और किसानों को मदद पहुंचाने वाली योजना है। विगत 20 जुलाई से शुरू हुई इस योजना के तहत अब तक 39 करोड़ रूपए का भुगतान गोबर बेचने वाले पशुपालकों को किया जा चुका है।
इस मौके पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि गोधन न्याय योजना की लोकप्रियता और सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार राज्य के 11 हजार 664 ग्राम पंचायतों में इस वर्ष के अंत तक गौठान का निर्माण कराया जाना है। उन्होंने सभी कलेक्टरों को गौठानों में पर्याप्त संख्या में वर्मी टांके का निर्माण कराए जाने की
निर्देश दिए।
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