जबलपुर। अगर आप बैंक खाते में बिजली सब्सिडी (electricity subsidy) आने का इंतजार कर रहे हैं तो आपको बता दें कि अभी इस काम में समय लग सकता है। वैसे बिजली कंपनी (electricity bill) इस काम को अक्टूबर के महीने में शुरु करने वाली थी लेकिन अब इस काम में देरी हो रही है।
इसका कारण कोरोना वायरस है। संक्रमण के खतरे के कारण विभागीय काम सही से नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण केंद्रीय स्तर पर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफॉर्मर स्कीम (डीबीटी) योजना को लागू करने के लिए गाइडलाइन ही नहीं आ पाई है।
इतनी ही नहीं अभी तक कंपनी उपभोक्ताओं का डेटा भी कलेक्ट नहीं कर पाई है। इसलिए लोगों के खातों में बिजली सब्सिडी आने में समय लगेगा। मानकर चलना होगा कि ये अगले साल ही शुरू होने की उम्मीद लग रई है। जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश के विदिशा, झाबुआ और सिवनी जिले में इसे लागू किया जा रहा है।
तकनीकी समस्याओं का आकलन करने के बाद प्रदेशभर में लागू होगी। सब्सिडी को किस स्वरूप में दिया जाए इसको लेकर फिलहाल निर्णय लेना बाकी है। इस बारे में मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक वाणिज्य संजय भगवतकर का कहना है कि बिजली सब्सिडी खाते में डालने संबंधी योजना पर अभी केंद्रीय स्तर पर गाइडलाइन नहीं मिली है। जैसे ही योजना का स्वरूप मिलेगा इसे लागू कर दिया जाएगा।
जानिए क्या है ये योजना
आपको बता दें कि बिजली कंपनी किसानों को करीब 92 फीसद सब्सिडी देती है। महज 8 फीसद ही उपभोक्ता बिल की राशि भरता है। इसी तरह से घरेलू उपभोक्ताओं को भी अलग-अलग तरह से सब्सिडी मिलती है।
अब सरकार रसोई गैंस सिलिंडर सब्सिडी के जैसे ही बिजली कंपनी को सब्सिडी देने की बजाय सीधे उपभोक्ता के खाते में सब्सिडी की राशि जमा करेगी। इसके लिए उपभोक्ता को पहले पूरी राशि का बिल अदा करना होगा।
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