कांग्रेसी पार्षद ने घर घुसकर छात्र को मारा थप्पड़… सबूत न होने के कारण पुलिस नही दर्ज कर रही FIR… विधायक पर अपराधी को संरक्षण देने का आरोप…

भिलाई। शहर के सेक्टर 6 में पार्षद ने एक छात्र को घर मे घुसकर थप्पड़ जड़ दिया। वहीं इस मामले में सख्त कार्रवाई करने को लेकर क्षेत्रवासियों ने आज थाने के सामने काफी समय तक धरना दिया।
मिली जानकारी के मुताबिक सेक्टर 6 में घर में घुसकर छात्र से मारपीट करने वाले महापौर परिषद के सदस्य व सेक्टर-6 वार्ड 55 के पार्षद सूर्यकांत सिन्हा के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। इससे गुस्साएं क्षेत्रवासी व भाजपा कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को भिलाई नगर कोतवाली का घेराव कर दिया।
प्रदर्शनकारी दो घंटे तक थानों के सामने डटे रहे। सूर्यकांत के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी भी की। लोगों का कहना था कि यह इस शहर का दुर्भाग्य है कि अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है और पुलिस जिस पर कानून व्यवस्था की जिम्मेवारी है वह लाचार है।
पुलिस की बेबसी के विरोध में लोगों ने सिविक सेंटर बेरोजगार तिराहा से न्याय मार्च निकाला और कोतवााली तक पहुंचे, पुलिय से सूर्यकांत के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की।
विधायक पर लगाया अपराधी को संरक्षण देने का आरोप
प्रदर्शनकारियों के हाथों मेंं तख्तियां थी जिसमें अपने ही वार्ड की जनता के साथ पार्षद की गुंडागर्दी, पुलिस की लाचारी के संबंध में नारे लिखे हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने महापौर व भिलाई नगर विधाायक को भी आड़े हाथों लेते हुए जनता का साथ देने के बजाए एक अपराधिक छवि के पार्षद को राजनीति संरक्षण देने पर नाराजगी जताई।
उग्र भीड़ को शांत करने बुलाना पड़ा अतिरिक्त बल
मौके पर मौजूद प्रदर्शनकारी बेहद आक्रोशित थे। उन्हें नियंत्रित करने पुलिस लाइन और विशेष सशस्त्र बल से जवान बुलवाना पड़ा। इसके अलावा वैशाली नगर, सुपेला, भठ्ठी, नेवई और भिलाई नगर थाना के जवान तौनात रहे। भीड़ को थाने के भीतर जाने से रोक दिया गया।
पुलिस का कहना है कि मारपीट का कोई साक्ष्य नहीं
सीएसपी भिलाई नगर अजीत यादव का कहना है कि घर में घुसकर मारपीट करने का कोई साक्ष्य नहीं है। युवक के गाल व कान का चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया। उसमें भी चोट के कोइई निशान नहीं मिले। मामले में जांच की जारी है। आगे वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। भिलाई नगर टीआई त्रिनाथ त्रिपाठी ने भी कहा कि यह पुलिस हस्तक्षेप योग्य नहीं है। न्यायालय में जाने की समझाइश दी गई है।