कोरबा। कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने किया गया लॉकडाउन इस बार व्यापारी व आम लोगों पर भारी पड़ रहा। व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता के चलते सौहार्द बिगड़ रहा। वहीं सब्जी, चावल, आलू-प्याज व अन्य आवश्यक सामग्री आमलोगों को नहीं मिल पा रही।
पिछले छह माह से चल रही कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर शासन-प्रशासन के अलावा सभी प्रमुख विभागों के अधिकारी-कर्मचारी, पुलिस-प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ आमजनों के सहभागिता मुस्तैदी के साथ कार्य किए गए। आज भी कोरोना संक्रमण के विस्तार पर अंकुश लगाने हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
इसके बावजूद भी संक्रमितों की संया में बढ़ोतरी हो रही। इसी संया को कम किए जाने को लेकर चौथी बार जिला प्रशासन व नगरवासियों ने पूर्णत: सत लॉकडाउन लगाने को लेकर नगरवासियों व व्यापारी के बीच एक बैठक कर लॉकडाउन लगाए जाने का निर्णय लिया गया। बैठक मे नगर के संपूर्ण दुकानें बंद रखने की बात कही गई थी।
23 सितंबर से लागू किया गया संपूर्ण लॉकडाउन इस बार नगरवासियों के साथ-साथ दुकानदारों के लिए भी मंहगा साबित हो रहा है। पूर्णत: बंद होने से आमजनों को भारी कठिनाइयों से गुजरना पड़ रहा है। सब्जी से लेकर प्रतिदिन लगने वाले घरेलू सामानों के लिए भटकना पड़ रहा है, वहीं दुकान संचालक सामान बिक्री को लेकर आपस में भीड़ रहे हैं।
इसके पहले किए गए लॉकडाउन में आमजनों को इतनी परेशानी नहीं उठानी पड़ी थी। सब्जी-भाजी व अन्य जरूरत के सामान मिल जाते थे। परेशानी से जूझ रहे आमजन लॉकडाउन खत्म होने के दिन गिनने लगे हैं।
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