NPS यानी नेशनल पेंशन सिस्टम आज देश में बचत का एक लोकप्रिय विकल्प है. 1 मई 2009 को यह निजी क्षेत्र या अन-ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी शुरू किया गया है. इसका फायदा देखते हुए कुल 2 करोड़ सब्सक्राइबर्स इससे जुड़े हैं. असल में यह पेंशन सेविंग स्कीम है जो भविष्य में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है. सवाल उठता है कि एनपीएस के जरिए 60 हजार रुपये मंथली पेंशन के लिए किस तरह से प्लानिंग कर सकते हैं. आपको बता दें कि इससे जुड़े एक बड़े नियम में सरकार ने बदलाव किया है.
बदल गया NPS का नियम- नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS के जो पुराने सब्सक्राइबर इससे तय समय से पहले निकल चुके हैं, वे इससे फिर जुड़ सकते हैं. पीएफआरडीए ने इसकी इजाजत दे दी है. मौजूदा नियमों के मुताबिक सब्सक्राइबर चाहे तो 60 साल की उम्र पूरी होने से पहले इससे निकल सकते हैं. एनपीएस में निवेश मैच्योर होने निवेशक को 80 फीसदी रेगुलर पेंशन में बदल जाता है, जबकि बाकी 20 फीसदी एकमुश्त निकाला जा सकता है.
अब जिन लोगों ने 20 फीसदी रकम निकाल लिया था वो अगर दोबारा एनपीएस में जुड़ना चाहते हैं तो उन्हें यह रकम जमा करनी होगी. इसके अलावा वे रेगुलर पेंशन लेकर विदड्रॉल पेंशन प्रोसेस पूरा कर सकते हैं. इसके बाद वे नया एनपीएस अकाउंट खोल सकते हैं.
प्रीमेच्योर एग्जिट के नियमों में बदलाव- PFRDA ने इन सब्सक्राइबर्स को दिया विकल्प National Pension System: नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) अपने सब्सक्राइबर्स को रिटायरमेंट के लिए कम कीमत पर पेंशन फंड के जरिए एक मौका देता है. NPS के फायदे वाले फीचर्स में पोर्टेबिलिटी, फ्लैक्सिबिटी, योगदान वितरित करने के लिए कई आसान माध्यम, पेंशन फंड का विकल्प, स्कीम की प्राथमिकता, एक्सलूसिव टैक्स बेनेफिट्स आदि शामिल हैं.
क्या होता है PRAN, अब क्या होगा- NPS के तहत सब्सक्राइबर्स को परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) दिया जाता है. जो यूनिक है.सब्सक्राइबर्स के पास एक समय पर एक एक्टिव PRAN हो सकता है और इसलिए वे अपने मौजूदा NPS अकाउंट को बंद करने के बाद नया अकाउंट खोल सकते हैं. NPS के तहत, सब्सक्राइबर प्रीमेच्योर एग्जिट (60 साल की उम्र से पहले ही पैसा निकालना) या 60 साल की उम्र पर फाइनल एग्जिट या सुपरएनुएशन प्राप्त करने पर या बाद में किसी समय पर रेगुलेशन के मुताबिक चुन सकता है.
प्रीमेच्योर एग्जिट की स्थिति में, PRAN में जमा हुआ पेंशन कॉर्पस का 20 फीसदी तक एकमुश्त की तरह विद्ड्रॉ किया जा सकता है और बैलेंस (80 फीसदी या ज्यादा) को PFRDA द्वारा सूचित एनुअटी सर्विस प्रोवाइडर (ASP) से एनुअटी प्लान खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. वहीं, अब रेगुलेटर ने कहा कि आजकल PFRDA को सब्सक्राइबर्स से बहुत रिक्वेस्ट मिल रहे हैं जिन्होंने अपनी एकमुश्त राशि को विद्ड्रॉ कर लिया है लेकिन एनुअटी को अब तक नहीं लिया है और उन सब्सक्राइबर्स ने इसके बाद NPS अकाउंट को जारी रखने का फैसला किया है.
इसके लिए क्या करना होगा- एक नए PRAN के साथ एक नया NPS अकाउंट खोलें, अगर वे NPS में जुड़ने के लिए योग्य हैं. NPS में समान PRAN के साथ जारी रखें जिसके लिए पहले विद्ड्रॉ की गई राशि (20 फीसदी तक) को अपने NPS अकाउंट (PRAN) में दोबारा डिपॉजिट करें. मौजूदा PRAN को जारी रखने के लिए दोबारा डिपॉजिट करने का विकल्प का फायदा एक बार लिया जा सकता है और राशि को एकमुश्त में जमा करना होगा.
कौन जुड़ सकता है NPS से-NPS में 18 से 60 साल की उम्र के बीच का कोई भी वेतनभोगी जुड़ सकता है. NPS में दो तरह के अकाउंट होते हैं Tier-I और Tier-II. Tier-I एक रिटायरमेंट अकाउंट होता है, जिसे हर सरकारी कर्मचारी के लिए खुलवाना अनिवार्य है. वहीं Tier-II एक वॉलेंटरी अकाउंट होता है, जिसमें कोई भी वेतनभोगी अपनी तरफ से इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकता है और कभी भी पैसे निकाल सकता है.
कैसे मिलेगी 60 हजार की मंथली पेंशन-अगर योजना में आप 25 की उम्र से जुड़ते हैं तो 60 की उम्र तक यानी 35 साल तक आपको हर महीने 5000 रुपये स्कीम के तहत जमा करना होगा. आपके द्वारा किया गया कुल निवेश 21 लाख रुपए होगा. NPS में कुल निवेश पर अगर अनुमानित रिटर्न 8 फीसदी मान लें तो तो कुल कॉर्पस 1.15 करोड़ रुपये होगा. इसमें से 80 फीसदी रकम से एन्युटी खरीदते हैं तो वह वैल्यू करीब 93 लाख रुपए होगी. लम्प सम वैल्यू भी 23 लाख रुपये के करीब होगी. एन्युटी रेट 8 फीसदी हो तो 60 की उम्र के बाद हर महीने 61 हजार रुपये के करीब पेंशन बनेगी. साथ ही अलग से 23 लाख रुपये का फंड भी.
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