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टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने बड़ा फैसला लेते हुए टेलीकॉम कंपनियों को दिशा-निर्देश दिया है कि वे अपने टैरिफ प्लान में पूरी तरह से पारदर्शिता रखें। किसी भी प्लान के विज्ञापन में प्लान के बारे में पूरी और स्पष्ट जानकारी दी जाए।
ट्राई का नया दिशा-निर्देश इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट दोनों विज्ञापनों पर लागू होगा। ट्राई की ओर से शुक्रवार को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि टेलीकॉम कंपनियों को अपने प्लान के विज्ञापन में साफ तौर पर बताना होगा कि ग्राहकों को कौन-कौन सी सुविधाएं मिलेंगी और सेवा की शर्तें क्या-क्या हैं।
साथ ही यदि किसी टैरिफ प्लान के साथ कोई खास नियम और शर्त है तो उसके बारे में भी जानकारी देनी होगी। विज्ञापन के अलावा इसकी जानकारी कंपनी की वेबसाइट और मोबाइल एप पर भी होनी चाहिए। ट्राई का मानना है कि टेलीकॉम कंपनियों के मौजूदा प्लान और टैरिफ के विज्ञापन में उतनी पारदर्शिता नहीं है जितनी होनी चाहिए।
टेलीकॉम कंपनियों को क्या-क्या देनी होगी जानकारी?
सभी प्रकार के प्रीपेड प्लान में मिलने वाले वॉयस कॉल, डाटा और एसएमएस के बारे में साफ तौर पर जानकारी देनी होगी कि कब, कहां कितने मिनट कॉलिंग की जा सकती है और रोज कितने एसएमएस भेजे जा सकते हैं। प्लान खत्म होने के बाद डाटा की स्पीड क्या होगी।
इसके बारे में भी बताना होगा। पोस्टपेड सेवाओं के मामले में प्लान की कीमत से लेकर रेंटल, सिक्योरिटी डिपॉजिट और कनेक्शन फीस आदि के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी होगी। टैरिफ प्लान की अवधि और बिल के भुगतान की अंतिम तारीख के बारे में आसान भाषा में जानकारी देनी होगी ताकि उपभोक्ताओं को समझने में परेशानी ना हो।
बंडल टैरिफ प्लान है तो ग्राहकों को यह बताना होगा कि इसमें नॉन टेलीकॉम सेवाएं कौन-कौन सी हैं। इसके अलावा डाटा, कॉलिंग और एसएमएस के बारे में भी जानकारी देनी होगी। यदि नॉन टेलीकॉम सेवाओं के लिए शुल्क लिए जा रहे हैं तो यह भी बताना होगा।
किसी भी टैरिफ प्लान के साथ मिलने वाले डाटा को लेकर कंपनियों डाटा स्पीड के बार में साफतौर पर जानकारी देनी होगी। जैसे कि किसी प्लान के तहत कितनी स्पीड मिलेगी और प्लान खत्म होने के बाद स्पीड कितनी हो जाएगी।
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