दशक में पहली बार बस्तर में दिखा वनभैंसों का झुण्ड

जगदलपुर। बीते दस वर्षों में पहली बार बस्तर के सेंड्रा में राजकीय पशु वन भैंसों का झुण्ड दिखाई दिया है। प्राय: विलुप्त मान लिए गए इस प्रजाति के झुण्ड कैमरे में कैद हो गई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां वन भैंसा का अस्तित्व बचा हुआ है। इसके साथ ही इसे बचाने की हरसंभव कोशिश की जानी चाहिए। बस्तर के इन्द्रावती राष्ट्रीय उद्यान की सेंड्रा क्षेत्र में पिछले दस वर्षो में यह पहला अवसर है कि वन भैंसो सहित इस इस क्षेत्र में 8 से 10 अन्य वन्य प्राणियों का भी अस्तित्व मिला है। वन्य पशुओं की प्रमाणिकता तथा उनके बारे में पता लगाने वन विभाग द्वारा गणना करने के उद्देश्य से इन्द्रावती राष्ट्रीय उद्यान में कैमरे लगाये गये थे। इन कैमरों से प्राप्त तस्वीरों में राज्य पशु वन भैंसों के अस्तित्व की जानकारी मिली। अभी तक वन भैंसों के अस्तित्व को समाप्तप्राय मान लिया गया था। बीजापुर जिले के इन्द्रावती राष्ट्रीय उद्यान के तहत पामेड़ व भैरमगढ़ अभ्यारण आते हैं तथा यह पूरा क्षेत्र 2790 वर्ग किमी के तहत फैला हुआ है। इस क्षेत्र को वन भैंसों की प्रजनन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है और वन्य पशुओं की गणना तथा जानकारी लेने समूचे क्षेत्र मेंं 58 विशेष कैमरे लगाये गये हैं। इन कैमरों की बैटरी भी विशेष हैं क्योंकि यह पन्द्रह दिन तक चलती हैं और इन कैमरों में सेंसर भी लगाये गये हैं। इन्द्रावती राष्ट्रीय उद्यान के संचालक के द्वारा जानकारी दी गई कि क्षेत्र में शेर के स्कैट व पदचिन्ह भी प्राप्त हुए हैं। इसलिए इसके सैंपल को और अधिक जानकारी के लिये देहरादून स्थित प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। इन केन्द्रों से यह भी जानकारी मिली है कि वन भैंसों के साथ-साथ, शेर, नीलगाय, चितल, सांभर सहित कई प्रजातियों के जानवरों की तस्वीरें प्राप्त हुई हैं जिनका विश्लेषण किया जा रहा हैं।