
रायपुर। वर्ष 2019 में लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक प्राध्यापक के पद पर सीधी भर्ती हेतु विज्ञापन निकाला गया था। अब उस विज्ञापन में विभिन्न परिवर्तन करते हुए 5 सितंबर 2020 को एक सूचना पत्र के माध्यम से यह बताया गया की जो छात्र परीक्षा के लिए आवेदन नही कर पाएं है वह छात्र अब 18 सितंबर 2020 तक आवेदन कर सकते है। इसमें वह छात्र आवेदन कर सकते है जोकि 26 जून को आए SET परीक्षा के परिणाम में उत्तीर्ण हुए है।
लेकिन अब कोरोना संक्रमण के कारण इस साल विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं नही हो पा रही है और इससे जो छात्र इस साल PG के अंतिम वर्ष में पढ़ रहे थे उनकी मुश्किलें बढ़ गयी है। इन छात्रों का कहना यह है कि इस स्थिति में जबकि इस वर्ष PG अंतिम वर्ष में पढ़ रहे छात्र जिनका अकादमिक सत्र जून 2020 में समाप्त हो रहा था और जून 2020 में डिग्री भी प्राप्त हो जाती वे छात्र कोरोना महामारी की वजह से अभी तक डिग्री से वंचित है। जिसमे उनकी किसी भी प्रकार की गलती नहीं है।
अब जबकि परीक्षा के फॉर्म सितम्बर माह में भरे जा रहे तो आवेदक के पास सितम्बर में अनिवार्य अहर्ताएं होनी चाहिए लेकिन कोरोना की वजह से ये छात्र अभी तक डिग्री से वंचित हैं जोकि जून में ही मिल जानी चाहिए थी। परन्तु इस बात को ध्यान में लिए बगैर लोक सेवा आयोग द्वारा 2019 तक PG उत्तीर्ण छात्रों को ही मौका दिया जा रहा जोकि इन छात्रों के साथ अन्याय है।
अब इसके विरुद्ध इन सभी छात्रों में से कुछ छात्रों ने लोक सेवा आयोग व कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल को अपनी समस्याओं से अवगत कराया है। परन्तु कोई सकारात्मक हल दृष्टिगोचर नहीं हो पाने के कारण छात्रों द्वारा उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में हाई कोर्ट वकील अच्युत तिवारी के माध्यम से एक याचिका दायर की गयी है।
इस याचिका से छात्रों का एक ही मकसद है कि इन छात्रों के साथ हो रहे इस अन्याय पर रोक लगे और इस साल PG फाइनल में पढ़ रहे ऐसे छात्र जिनका आकादमिक सत्र जून 2020 में समाप्त हो रहा और वो अन्य अर्हताएं रखते हो तो उन्हें भी फॉर्म भरने का मौका दिया जाए।