जांजगीर-चांपा. कोविड केयर सेंटर (COVID Care Center) में भर्ती कोरोना संक्रमित युवक सुबह निकला और खोखसा फाटक के पास ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी। इसके पहले अपनी बहन को फोन पर बातकर खोखसा फाटक के पास ट्रेन में कूदकर जान देने की बात बताई।
फिर एक वाट्सएप में मैसेज भी किया। एक दिन पहले युवक परिजनों को अस्पताल में भोजन सही समय में नहीं मिलने, कम मात्रा में मिलने व अव्यवस्था को लेकर होम आइसोलेशन में जाने की जिद किया था। एक दिन पहले होम आइसोलेशन में भेज देने से आज यह घटना नहीं होती।
पुलिस के मुताबिक कुलीपोटा निवासी राजू प्रसाद तिवारी का 25 वर्षीय पुत्र पंकज तिवारी बिलासपुर के बांगड़ सीमेंट में सुपरवाइजर का काम करता था। 12 सितंबर को वह बिलासपुर से अपने घर लौटा था। घर में आने से सर्दी था। इसलिए वह 15 सितंबर को अपने पापा को बोला कि कोरोना टेस्ट कराने जिला अस्पताल जा रहा हूं कहकर निकल गया। जिला अस्पताल में कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद पंकज तिवारी को दिव्यांग स्कूल में भर्ती कर दिया गया।
दूसरे दिन 16 सितंबर को पंकज तिवारी अपने परिजनों को फोन लगाकर अस्पताल के अव्यवस्था के बारे में बताया और कहने लगा कि यहां नहीं रहूंगा, यहां से घर ले जाओ। इतने में 16 सितंबर को उसके पिता राजू तिवारी अस्पताल पहुंचकर होम आइसोलेशन के लिए फार्म भरा। यह सब प्रक्रिया में शाम 4 बजे गया। बाद में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बोल दिया गया कि आज नहीं हो पाएगा, कल आना। यह बात राजू तिवारी ने अपने बेटे को बताया कि आज की रात अस्पताल में काट लो। 17 सितंबर की सुबह घर ले जाएंगे।
17 सितंबर की सुबह 4 बजे पंकज तिवारी कोविड केयर सेंटर दिव्यांग स्कूल से निकल गया और पैदल खोखसा फाटक के पास पहुंच गया। जहां से उन्होंने अपनी बहन नीलिमा को फोन में बताया कि खोखसा फाटक के आ गया हूं, यहां ट्रेन से कटकर जान दूंगा। बहन समझा ही रही थी कि फोन काट दिया। इसके बाद एक मैसेज वाट्सएप किया और ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी।
उसके पिता व बड़े भाई अनुराग तिवारी तत्काल खोखसा के पास पहुंचे और रेलवे ट्रैक पर पड़े अपने कमाऊ पुत्र के शव को देखकर पिता अचेत अवस्था में चला गया। फिर इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस पंचनामा कर पीएम मौके पर ही कराया गया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा शव को ले जाया गया। कुलीपोटा में अंतिम संस्कार किया गया।
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