अंबिकापुर। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फार्मासिस्ट के पद पर पदस्थ राजेंद्र राजवाड़े ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मृतक के शव के पास एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने अपने होशोहवास में घर छोड़कर जाने की बात कही है। बताया जा रहा है कि मृतक बुधवार को ड्यूटी से घर पहुंचने के बाद अपनी पत्नी और बच्चे के साथ गृहग्राम दरिमा गया था।
यहां पितृपक्ष पर पितरों की विदाई के बाद परिवार के साथ घर आया और देर रात तक 11 वर्षीय पुत्र के साथ बैठकर लैपटॉप में फोटो, पिक्चर देख रहा था। इसके बाद सभी सोने के लिए चले गए और वह बैठक कक्ष में ही था। रात लगभग 12 बजे उसकी पत्नी की नींद खुली तो बैठक के पास एक कक्ष में वह पत्नी के दुपट्टे के सहारे फांसी पर लटक रहा था।
मृतक ने सुसाइड नोट में उल्लेखित किया है कि मुझे जीने की इच्छा नहीं हो रही है। मैं मरना चाहता हूं। मेरी मौत का जिम्मेदार मैं स्वयं हूं। किसी प्रकार का कोई दबाव या जोर जबरदस्ती से नहीं बल्कि मैं स्वयं अपनी इच्छा से मरना चाहता हूं। घटना की सूचना मिलने पर फार्मासिस्ट के वसुंधरा सन सिटी नमनाकला स्थित निवास में गांधीनगर थाना पुलिस और फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम पहुंची।
पुलिस ने मौके पर शव का पंचनामा किया है। पुलिस मर्ग कायम कर विवेचना में जुटी है। घटना से अस्पताल में शोक का माहौल है। परिजन भी इस घटना से सदमे में हैं। ऐसी कोई भी बात अब तक सामने नहीं आई है, जिससे अस्पताल कर्मचारी की खुदकुशी की वजह पता चले। मृतक के शव को पंचनामे के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है।
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