बलरामपुर, पवन कश्यप- बलरामपुर जिले के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति भँवरमाल जो वर्ष 2017-18 में लगभग 15 लाख का धान घोटाला के आरोप में भंग हुई थी एक बार पुनः विवादों में आ गई है, इस बार लगभग आधा करोड़ का घोटाला सामने आया है, भँवरमाल समिति के दोनों खरीदी केंद्र मिलाकर लगभग 50 लाख रु की धान उठाव के किए शेष दिखाया जा रहा है।
जबकि मंडी में एक बोरी भी धान उपलब्ध नहीं है, ऐसे में देखना ये है कि जब कोई राइस मिलर्स डीओ प्राप्त करता है तो प्रसासन मंडी का निरीक्षण करती है या एक बार फिर होगी फर्जी डिओ फर्जी उठाव का खेल. गौरतलब है कि आदिम जाति सेवा सहकारी समिति भँवरमाल पंजीयन क्रमांक 484 के दो उपार्जन केंद हैं एक महावीरगंज और एक रामानुजगंज वर्ष 2017-18 के खरीदी में महावीरगंज में लगभग 907 क्विंटल धान की कमी पाई गई थी ।
जिसकी तात्कालिक कीमत लगभग 15 लाख रु की घोटाला के आरोप में तात्कालिक कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर सहायक पंजीयक बलरामपुर द्वारा आदिम सेवा सहकारी समिति भँवरमाल को भंग कर दिया गया था साथ ही संबंधित घोटाले के आरोपियों पर धारा 409 के तहत विजयनगर पुलिस चौकी अपराध भी पंजीबद्ध किया किया गया था ।
इसी बीच 09 जुलाई 2019 को समिति के संचालक मंडल ने माननीय न्यायालय सहकारी संस्था रायपुर से इस शर्त के साथ स्टे आर्डर लाया की 03 माह के अंदर आरोपियों के पहचान करते हुए गबन की गई राशि समिति में जमा करेंगे, एक वर्ष बीत जाने के बाद भी मामला अभी तक ठंडे बस्ते में है।
स्टे आर्डर पर कार्यरत समिति में आधा करोड़ का धान उठाव के किए शेष, पर मंडी में नहीं एक बोरी भी धान..
माननीय न्यायालय से सशर्त स्टे में कार्यरत समिति वर्ष 2019-20 में पुनः धान की खरीदी की और इस बार लगभग आधा करोड़ का घोटाला सामने आ रहा है, खाद्य विभाग की वेबसाइट के अनुसार आदिम जाति सेवा सहकारी समिति भँवरमाल के उपार्जन केंद्र महावीरगंज में वर्ष 2019-20 में कुल धान की खरीदी 59255.20 क्विंटल दिखाया जा रहा है ।
जबकि उठाव मात्र 58282.80 क्विंटल दिखाया जा रहा है उठाव के लिए 972.40 क्विंट शेष दिखाया जा रहा है, ठीक उसी प्रकार उपार्जन केंद्र रामानुजगंज में कुल धान की खरीदी 66527.40 क्विंटल दिखाया जा रहा है जबकि उठाव मात्र 65527.20 क्विंटल दिखाया जा रहा है उठाव के लिए 1000.20 क्विंटल शेष दिखाया जा रहा है, जबकि मंडी में वर्तमान में एक बोरी भी धान उपलब्ध नहीं है ।
जांच हुई तो आधा करोड़ का घोटाला उजागर होने की संभावना..
एक तरफ उपार्जन केंद्र महावीरगंज में 972.40 क्विंटल उठाव के लिए शेष दिखाया जाना और मंडी में एक बोरी भी धान का उपलब्ध न होना 2431000 (चौबीस लाख एकत्तीस हजार रु) की धान घोटाला किया जाना प्रतीत होता है, वहीं उपार्जन केंद्र रामानुजगंज में 1000.20 क्विंटल धान उठाव के लिए शेष बताना तथा मंडी में एक बोरी भी धान का उपलब्ध न होना लगभग 2500000 (पच्चीस लाख रु) की धान का घोटाला किया जाना प्रतीत होता है।
इस प्रकार आदिम जाति सेवा सहकारी समिति भँवरमाल के दोनों खरीदी केंद्र मिलाकर लगभग आधा करोड़ का धान उठाव के लिए शेष बताया जा रहा है जबकि मंडी में एक बोरी भी धान उपलब्ध नहीं है खाद्य विभाग के वेबसाइट के अनुसार भँवरमाल समिति की खरीदी वर्ष 2019-20 में लगभग आधा करोड़ का धान का घोटाला प्रतीत होता है ।
राइस मिलर्स के सहयोग से जीरो शॉर्टेज करने की फिराक में अधिकारी.
खरीदी किए हुए लगभग एक वर्ष पूर्ण होने को है मगर अभी भी लगभग आधा करोड़ रु का धान उठाव के किए शेष दिखने से खरीदी केंद्र प्रभारी और समिति की नींद उड़ा रखी है, वहीं समिति और खरीदी केंद्र प्रभारी लगातार राइस मिलर्स के संपर्क में हैं ताकि डीओ मात्र से जीरो शॉर्टेज कराया जा सके।
राइस मिलर्स डीओ तो कटवाएगा परंतु धान का उठाव नहीं करेगा, ध्यान देने योग्य है कि यदि कोई राइस मिलर्स डीओ कटवाता है भी है तो धान का उठाव कहाँ से करेगा मंडी में तो धान है नहीं, यदि प्रसासन बिना किसी नेता के दबाव में निष्पक्ष जांच करती है तो लगभग आधा करोड़ रु की धान का घोटाला सामने आ सकता है, अब देखना ये है कि आगे प्रसासन डीओ काटकर सो जाती है या मंडी में धान की मात्रा की निरक्षण भी करती है ।
Add Comment