कांग्रेस सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री और आदिवासी नेता चनेश राम राठिया का 78 साल की उम्र में रविवार देर रात निधन हो गया। वह कोरोना से संक्रमित थे और फोर्टिस अस्पताल में उपचार चल रहा था। उनका अंतिम संस्कार सोमवार सुबह उनके गृहग्राम में कोविड-19 के नियमानुसार स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, कांग्रेस नेता राठिया पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। सांस लेने में दिक्कत होने के बाद उन्हें गुरुवार को जिंदल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद रविवार रात करीब 1 बजे उनका निधन हो गया। उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं।
अविभाजित मध्य प्रदेश और फिर जोगी सरकार में रहे मंत्री
- चनेश राम राठिया अविभाजित मध्यप्रदेश और फिर छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री रहे थे।
- वे दिग्विजय सिंह सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे। वहीं छत्तीसगढ़ गठन के बाद जोगी सरकार में खाद्य और संस्कृति मंत्री बने।
- राठिया एक प्राइमरी स्कूल में टीचर थे। पहली बार नौकरी छोड़कर 1972 में निर्दलीय चुनाव लड़े, लेकिन हार गए।
- इसके बाद 1977 में कांग्रेस के टिकट पर धरमजयगढ़ से विधायक चुने गए। तब जनसंघ के संतोष मरकाम को 6300 वोटों से हराया था।
- कांग्रेस नेता राठिया ने तीन दशक तक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। उनके बेटे लालजीत सिंह राठिया अभी विधायक हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर जताया शोक
कांग्रेस नेता चनेश राम के निधन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के प्रखर आदिवासी नेता चनेश राम राठिया जी के निधन का समाचार दुखद है। धरमजयगढ़ के साथ साथ समूचे प्रदेश में उन्हें एक सच्चे जनसेवक के रूप में सदैव याद किया जाएगा।
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