नई दिल्ली. सोशल मीडिया (Social Media) पर एक खबर वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि सरकार अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों ( non-gazetted railway employees) को बोनस देगी. ये खबर सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है.
इस खबर के मुताबिक, सरकार 2019-2020 में पात्र अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों को प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस देगी. बता दें कि इससे पहले एक फर्जी खबर वायरल हुई थी, जिसमें कहा गया था कि रेलवे इस साल अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं देगा. आइए जानते हैं आखिर क्या है इस खबर की सच्चाई…
आखिर क्या है सच?
इस खबर की पड़ताल करने पर पता चला कि ये खबर फर्जी है. इससे जुड़ी ऐसी कोई भी खबर किसी भी वेबसाइट पर नहीं छापी गई है. वही पीआईबी की तरफ से भी इस बात की पुष्टि की गई है कि रेलवे मंत्रालय ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है. ऐसे में ये साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ये खबर गलत है.
बता दें, इससे पहले भी एक और खबर वायरल हुई थी जिसमें दावा किया गया था कि रेलवे इस साल अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं देगा. आर्थिक नुकसान की वजह से रेलवे ने ये बड़ा फैसला लिया है. हालांकि ये दावा भी गलत साबित हुआ था.
भारतीय रेलवे का पूरी तरह से किया जा रहा है निजीकरण
एक और ऐसी खबर वायरल हुई थी, जिसमें कहा गया था कि भारतीय रेलवे का पूरी तरह से निजीकरण किया जा रहा है. निजीकरण की प्रक्रिया में नौकरियों में कटौती के साथ रेलवे का निजीकरण किया जा रहा है.
भारत सरकार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पीआईबी फैक्ट चेक ने भारतीय रेलवे के निजीकरण के दावे को फेक बताते हुए कहा, ‘यह दावा फर्जी है! कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप पर काम किया जा रहा है, लेकिन नियंत्रण अभी भी रेलवे मंत्रालय के पास होगा. ऐसे में ये साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ये खबर गलत है.
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