छत्तीसगढ़

छग विस : दूषित भोजन से बीमार छात्राओं का मामला गूंजा

रायपुर। विधानसभा में आज सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के बिरला छात्रावास में फूड प्वाइजनिंग से 27 छात्राओं के बीमार पडऩे का मामला उठा। कांग्रेस सदस्य कवासी लखमा, दीपक बैज, श्रीमती देवती कर्मा ने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए यह मामला उठाते हुए कहा कि प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिले सुकमा कोंटा ब्लॉक के बिरला छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रही 27 छात्राएं 20.2.2018 को फूड प्वाइजनिंग की खिकार होकर बीमार हो गई। करीब एक घंटे के बाद छात्राओं को पेट दर्द और उल्टी होने लगी। आनन-फानन में 27 छात्राओं को एर्राबोर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया,लेकिन उनकी स्थिति नहीं सुधरी। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीआरपीएफ जवानों की मदद से उन्हें कोंटा अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के समय आश्रम अधीक्षिका नदारद पाई गई। आश्रम का संचालन एक रसोइए के भरोसे चल रहा है। आश्रम में न तो सुरक्षा और न ही स्वास्थ्य परीक्षण की कोई व्यवस्था है। छात्राओं को परोसे जाने वाला भोजन भी रसोइए के भरोसे है, उसकी किसी भी प्रकार की कोई जांच नहीं की जाती है, जिसके कारण वहां रहने वाली छात्राएं दूषित खाने की वजह से बीमार हो गई। इस घटना के प्रकाश में आने से छात्र-छात्राओं सहित उनके पालकों एवं क्षेत्रवासियों में भारी रोष एवं आक्रोश व्याप्त है।
इसके जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने कहाकि यह कहना सही नहीं है कि प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिला सुकमा के कोंटा ब्लाक के बिरला छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रही 27 छात्राएं 20 फरवरी 2018 को फूड प्वाइनिंग का शिकार होकर बीमार हो गई। अपितु बिरला आश्रम की 43 छात्राओं को दिनांक 20 फरवरी 2018 पेट दर्द की शिकायत किए जाने पर ईलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोंटा में भर्ती किया गया था। यह सही है कि दिनांक 20 फरवरी 2018 को प्रात: आश्रम में रहने वाली छात्राओं ने चावल के साथ दाल एवं आलू तथा पत्तागोभी की सब्जी खाई थी।
मंत्री ने कहा कि यह सही है कि भोजन करने के बाद सभी छात्राएं पढऩे के लिए स्कूल गई,परंतु यह सही नहीं है कि करीब एक घंटे के बाद छात्राओं को पेट दर्द और उल्टी होने लगी बल्कि छात्राओं द्वारा केवल पेट दर्द की शिकायत किए जाने पर सर्वप्रथम छात्राओं को उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एर्राबोर, तत्पश्चात सीआरपीएफ की संजीवनी 108 के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोंटा ले जाया गया । यह सही नहीं है कि घटना के समय आश्रम अधीक्षिका नदारद पाई गई तथा उनके स्थान पर इस अवधि में पोटा केंबिन एर्राबोर की सहायक अधीक्षिका चालू प्रभार में थी जो एक अन्य पूर्व से अस्वस्थ छात्र को इलाज हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा लेकर गई हुई थी यह कहना भी सही नहीं है कि आश्रम में सुरक्षा और स्वास्थ्य परीक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है अपितु छात्रावास की सुरक्षा के लिए महिला चौकीदार एवं कर्मचारी कार्यरत है जो रात्रि में भी डयूटी पर रहते है तथा स्वस्थ्य तन स्वस्थ्य मन योजना के अंतर्गत नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है छात्राओं का अंतिम स्वास्थ्य परीक्षण 11 फरवरी 2018 को किया गया था जिसमें किसी भी तरह की गंभीर बीमारी पाए जाने का उल्लेख नहीं किया गया है बिना जांच किये यह कहना सही नहीं होगा कि छात्राएं दूषित खाने की वजह से बीमार हो गयी।

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