छत्तीसगढ़

जश्न में फायरिंग पड़ी भारी, बर्थडे ब्वॉय के पेट में लगी गोली… केक काटने से पहले मौत… इकलौते बेट को खोकर सदमे में परिवार…

भिलाई. रक्षाबंधन के दिन सुबह छोटी बहन से राखी बंधवाया। इसके बाद रात में घर के सामने 18 वां जन्मदिन मनाने परिजनों के साथ निकला। हर्ष फायरिंग में उसी को गोली लग गई। खून से लथपथ युवक को लेकर परिजन निजी अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया। परिजन उसे लेकर रायपुर रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल पहुंचे। लेकिन अधिक रक्तस्त्राव होने के वजह से युवक ने दमतोड़ दिया। घटना रविवार को रात करीब 9.30 बजे जवाहर नगर की है। वैशाली नगर टीआई गोपाल वैश्य ने बताया जबलपुर में बगई गोल्डन ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करने वाले संजय सिंह राजपूत का बेटा रोहन सिंह राजपूत अपने परिवार के साथ 18 वां जन्मदिन मना रहा था। उसके चाचा धनंजय सिंह राजपूत और अन्य रिश्तेदार मिलकर बाहर कार के बोनट पर केक सजा रखे थे।

घर में धनंजय के नाम की लाइसेंसी 12 बोर डबल वैरल की रायफल है। केक काटने से पहले हर्ष फायरिंग के लिए उसी बंदूक से हवाई फायरिंग की गई। तब बीच बंदूक नहीं चली। उसके बाद चेक करते समय बंदूक चल गई। उसकी गोली और छर्रा रोहन सिंह के पेट में घुसा और वह घायल हो गया। रोहन की मां निशा सिंह राजपूत और चाचा धनंजय घायल अवस्था में उसे बीएम शाह हॉस्पिटल ले गए। जहां सर्जन नहीं होने से प्राथमिक उपचार कर रायपुर रेफर कर दिया। रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल की देहलीज पर पहुंचते ही रोहन की सांस थम गई। फि लहाल इस मामले में परिजनों से पूछताछ की जा रही है। मर्ग कायम कर मामले में वैलेस्टीक और पीएम रिपोर्ट के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। एएसपी शहर संजय धु्रव ने बताया कि बर्थडे पार्टी में हर्ष फायरिंग के दौरान गोली चली। जन्मदिन मना रहे 18 वर्षीय युवक को गोली लग गई। जिससे उसकी मौत हो गई। मामले में मर्ग कायम कर जांच की जा रही है।

चाचा ने पुलिस को बताया रोहन के हाथ से चली बंदूक
पुलिस की पूछताछ में प्रत्यक्षदर्शी रोहन के चाचा धनंजय सिंह ने बताया कि वह सिविक सेंटर बैंक ऑफ बड़ौदा में गार्ड है। 12 बोर डबल वैरल की रायफल उसके पिता के नाम से रजिस्टर्ड था। बंदूक का नाम ट्रांसफर कर अपने नाम करा लिया था। भतीजा रोहन सिंह का 18 वां जन्मदिन था। पूरा परिवार हर्ष के साथ बर्थ-डे सेलिब्रेशन करने वाले थे। कार की बोनट पर केक को सजाया गया था। रोहन घर के अंदर से लाइसेंसी बंदूक लाया। फायरिंग करने की कोशिश की लेकिन बंदूक की गोली सीधे उसी के पेट में जा घुसी। उसे अस्पताल ले गए, लेकिन उसे नहीं बताया जा सका।

पूरे मामले में पुलिस को शक परिवार के सदस्य कुछ छुपा रहे हैं
मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने बताया कि 12 बोर की बंदूक थी। यह काफी लम्बी होती है। रोहन उस बंदूक से अपने पेट पर तो नहीं मार सकता। टीआई गोपाल वैश्य रोहन के चाचा धनंजय सिंह को अपने साथ रायपुर से लाकर मौके पर ले गए। सोमवार को दोपहर 12.30 बजे री-क्रिएशन ऑफ क्राइम सीन कराया। धनंजय ने जो घटना की जानकारी दी वह क्लीयर नहीं है। धनंजय के निशानदेही पर बंदूक और कारतूस जब्त किया गया। फिलहाल पुलिस मामले में रिपोर्ट के आधार पर जांच को आगे बढ़ाएगी।

एकलौते जिगर के टुकड़े की मौत से पूरा परिवार सदमे में
रोहन ने 12 वीं की परीक्षा पास किया था। कॉलेज की तैयारी थी। रोहन के पिता संजय सिंह ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करते है। कोरोना के दौरान उनका ट्रांसफर जबलपुर हो गया। घर पर रोहन की मां निशा सिंह और एक छोटी बहन रहती है। संयुक्त परिवार में चाचा व चाची उनका पूरा परिवार था। घटना के बाद मां उसे अपनी गोदी में लेकर अस्पताल गई। अपने जिगर के टुकड़े को ढांढस देती रही कि बेटा तुझे कुछ नहीं होगा। लेकिन एकलौता बेटे को वह बचा नहीं सकी। मां अपने बेटे को इस अवस्था में देख सदमे में चली गई। कुछ भी बोल नहीं पा रही थी। छोटी बहन का रो-रोकर बुरा हाल है। सुबह रोहन के पिता संजय सिंह पहुंचे। बच्चों को देख बदहवास हो गए। कोई कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं रहा। जवान बेटे की मौत ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है।

यह पता लगा रही पुलिस
– बंदूक किसके हाथ से चली है। इसकी जांच कर रही है।
– बच्चे के हाथ में बंदूक क्यों पहुंची। जबकि लाइसेंसी बंदूक की सुरक्षा की जिम्मेदारी लाइसेंसधारी की है।
– घर के बाहर बर्थ डे मना रहे थे तो बंदूक को वहां तक कौन ले गया।
– लड़के के हाथ में बंदूक थी तो परिजनों ने क्यों नहीं मना किया।
– बंदूक बच्चे के हाथ से चली होती तो किसी दूसरे को भेदती।

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