बलरामपुर,पवन कश्यप:- जल संसाधन विभाग रामानुजगंज संभाग क्रमांक 02 के कार्यपालन अभियंता उमाशंकर राम के ऊपर राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम के प्रतिनिधि धीरज सिंह देव ने आर्थिक अनियमितता का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर रामानुजगंज से हटाए जाने की मांग की है।
राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम के प्रतिनिधि धीरज सिंह देव मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया है कि बलरामपुर- रामानुजगंज जिले के जल संसाधन विभाग संभाग क्रमांक 02 के कार्यपालन अभियंता उमाशंकर राम को जिले में दूसरी बार पदस्थापना की गई है जबकि उमाशंकर राम बलरामपुर जिले के ही निवासी हैं साथ ही उनके ऊपर भ्र्ष्टाचार के कई आरोप भी लगे हैं। आर्थिक अनियमितता के कई मामलों की जांच पूरी भी हो चुकी है परंतु राजनीतिक संरक्षण एवं पैसे के दम पर अभी भी डटे हुए हैं।
देवगई एवम कनकेसा जलाशय मामले में पूर्व में चुकी है एफआईआर–
मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र धीरज सिंह देव ने कहा है कि रामचन्द्रपुर जनपद पंचायत के देवीगंज जलाशय एवम वाड्रफनगर जनपद पंचायत के कनकेसा जलाशय के मरम्मत कार्य कार्य मे लाखों रुपये का हेराफेरी उजागर हुआ था। जिसमें कार्यपालन अभियंता उमाशंकर राम, संभागीय लेखपाल सुमन समेत तीन अन्य दोषी पाए गए थे जिसपर रामानुजगंज थाने विभाग के ही SDO संजय ग्रायकर के द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई थी और रामानुजगंज थाने में भा0द0वि0 की धारा 409,420,427,467, व शासकीय गुप्त बात अधिनियम की धारा 05 के तहत मामला दर्ज है और इस मामले के सामने आने के बाद भी कार्यपालन अभियंता नहीं हटाया गया, जो वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय से जमानत पर है।
खूंटपाली व्यपवर्तन योजना में भी हुआ है व्यापक भ्र्ष्टाचार–
सांसद प्रतिनिधि धीरज सिंह देव ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए कहा कि कार्यपालन अभियंता उमाशंकर राम पर बलरामपुर विकासखंड अंतर्गत 79 करोड़ के प्रशासकीय स्वीकृति से निर्मित होने वाली खूंटपाली व्यपवर्तन परियोजना में भी व्यापक भ्र्ष्टाचार के आरोप लगे थे और इस मामले में वर्ष 2018-019 में विभागीय जांच कराई गई थी इस मामले में भी उमाशंकर राम दोषी पाया गया था लेकिन सत्ता पक्ष नेताओं हस्तक्षेप के बाद मामला दब गया।
गम्हरिया एवम खरहरा जलाशय के नाम पर भी हुआ है व्यापक भ्र्ष्टाचार–
उन्होंने कहा कि जनपद पंचायत रामचन्द्रपुर के गम्हरिया जलाशय एवम वाड्रफनगर विकासखंड के खरहरा व्यपवर्तन परियोजना के नाम पर व्यापक भ्र्ष्टाचार हुआ है। गम्हरिया जलाशय जिसकी लागत 7.50 करोड़ रुपये थी, जिसमें बगैर काम किये 5.50 करोड़ की राशि आहरण कर ली गई। इसी प्रकार खरहरा व्यपवर्तन निर्माण में सात करोड़ की राशि थी जिसकी ड्राइंग डिजाइन बदलकर बिना काम किए पांच करोड़ की राशि आहरण कर ली गई।
EOW द्वारा की गई थी छापेमारी–
धीरज सिंह देव ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए कहा कि वर्ष 2916 में कार्यपालन अभियंता उमाशंकर राम बैकुंठपुर में पदस्थ था इस दौरान उनके शासकीय आवास EOW की टीम द्वारा छापेमारी की कार्यवाही की गई थी और इस कार्यवाही में कार्यपालन अभियंता उमाशंकर राम के आवास से दो लाख नगद तथा उसके सहयोगी कार्यपालन अभियंता एस एल गुप्ता के घर से बीस लाख की नगद राशि बरामद की गई थी।
EOW द्वारा कार्यपालन अभियंता का बैंक खाता भी सील किया गया था, लेकिन कार्यपालन अभियंता के बैंक खातों जिले शंकरगढ़ ब्लाक ग्राम कमारी में स्थित कोल्ड स्टोरेज में पार्टनरी का हवाला देते हुए EWO से अपने बैंक खातों पर लगाई गई प्रतिबंध हटाने की अपील की थी तब से यह मामला भी लंबित है।
उक्त सभी मामलों को संज्ञान में लाते हुये राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम के प्रतिनिधि धीरज सिंह देव ने कार्यपालन अभियंता उमाशंकर राम के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
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