रायपुर. ध्यानाकर्षण के दौरान विधानसभा में रेत के अवैध उत्खनन का मामला गूंजा. भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल, नारायण चंदेल और धरमलाल कौशिक ने प्रदेश में रेत के अवैध उत्खनन का मामला उठाया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश में रेत का उत्खनन की शिकायतें प्राप्त होने के बाद कार्रवाई नहीं हो रही यह कहना सही नहीं.
जिन भी स्थानों से जानकारी आ रही, वहां जांच और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में रेत माफिया काम कम रहे. शराब ठेकेदार आकर रेत के टेंडर डाल रहे हैं, पूरे प्रदेश में माफिया सक्रिय है. रेत का उपयोग गरीब आदमी भी करता है, लोगों को रेत नहीं मिल पा रहा है.
आज 5 हजार की रेत 25 हजार में मिल रही है, रेत के लिए लोगों के साथ मारपीट की जा रही है. रेत के लिए अगर छत्तीसगढ़ में माफिया आ जाएं तो यह गंभीर बात होगा. क्या रेत खनन का काम छत्तीसगढ़ के युवा नहीं कर सकते थे. मुख्यमंत्री ने बृजमोहन अग्रवाल के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि जिनके खिलाफ भी मामले सामने आए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
एनजीटी के नियमों का छत्तीसगढ़ में पालन किया जा रहा है. रेत खनन के मामले में हमने 2300 प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की है. पूर्ववर्ती शासनकाल में 1700 से अधिक मामले दर्ज नहीं किए गए हैं. सीएम ने अधिक कीमत पर रेत बिकने की शिकायत पर प्रदेशभर में कीमत की जानकारी दी.
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में रेत की माफियागिरी बंद होनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा- अब तक छत्तीसगढ़ में रेत खनन कौन कर रहा था और किसकी माफिया चल रही थी इसकी भी जांच करा लें? उस समय अव्यवस्था बहुत थी. रॉयल्टी नहीं मिल रही थी.
13 करोड रुपए की रायल्टी मिलती थी. अभी सिर्फ निविदा बुलाने से ही हमें 18 करोड़ की राशि मिली है. साल भर में हमें 50 से 60 करोड़ की राशि राजस्व के रूप में प्राप्त होगी. एनजीटी के नियमों का लगातार पालन किया जा रहा है. खदानों की स्वीकृति उसी के मुताबिक की जा रही है. बृजमोहन जी सदन को गुमराह ना करें.
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