नई दिल्ली. राजस्थान का सियासी घमासान थमे अभी कुछ ही दिन हुए थे कि अब लेटर बम ने कांग्रेस (Congress) को हिलाकर रख दिया है. 7 घंटे तक चली कांग्रेस वर्किंग कमेटी (Congress working committee) की बैठक के बाद भी पार्टी अपने नेताओं को संतुष्ट करने में कामयाब होती नहीं दिख रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने पार्टी नेताओं से कहा है कि जो कोई भी कांग्रेस का हित चाहता है वह उनके ‘असहमति पत्र’ का स्वागत करेगा.
कांग्रेस की ओर से भले ही कहा जा रहा हो कि उन्होंने गुलाम नबी आजाद को समझा लिया है, हालांकि उन्होंने एक बार फिर जोर देते हुए कांग्रेस वर्किंग कमिटी का नए सिरे से चुनाव कराने की बात कही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी और राज्य प्रमुखों सहित संगठन के विभिन्न पदों पर चुनाव नहीं कराए गए तो पार्टी अगले 50 वर्षों तक विपक्ष में ही बैठी रह सकती है.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस के आंतरिक कामकाज में जिस किसी को भी रुचि होगी वह हमारे इस प्रस्ताव का साथ देगा. हम चाहते हैं कि पार्टी को अगर मजबूत करना है तो हर राज्य और जिले में अध्यक्ष निर्वाचित होना चाहिए. उन्होंने कहा कि संगठन को मजबूत करने के लिए पूरी कांग्रेस कार्यसमिति का चुनाव कराया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को पार्टी के सुधार के लिए हमने जो सुझाव दिए थे उससे दिक्कत थी. हालांकि बाद में राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने कहा कि वह एक महीने के अंदर चुनाव कराएंगे, लेकिन कोरोना को देखते हुए यह संभव होता नहीं दिख रहा है. यही कारण है कि हमने सोनिया गांधी से 6 महीनों के लिए अध्यक्ष बनने का अनुरोध किया है.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पिछले कई दशकों से पार्टी के अंदर निर्वाचित निकाय नहीं है. उन्होंने कहा कि ये कोशिश 15 साल पहले ही कर ली जानी चाहिए थी. हमारी पार्टी लगातार चुनाव हार रही है. हमें अगर सत्ता में वापसी करनी है तो हमें आंतरिक चुनाव कराकर अपनी पार्टी को मजबूत करना होगा.
आजाद ने कहा कि अगर पार्टी के नेताओं की ओर से लिखा गया पत्र सार्वजनिक हो गया तो इसमें परेशानी की क्या बात है. पार्टी को मजबूत बनाने और चुनाव कराने के लिए कोई स्टेट सीक्रेट नहीं है. उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी जी के समय में भी कैबिनेट की कार्रवाई लीक हो जाती थी.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमारा इरादा कांग्रेस को सक्रिय और मजबूत बनाने का है, लेकिन जिन लोगों को केवल ‘अपॉइंटमेंट कार्ड’ मिले, वे हमारे प्रस्ताव का विरोध करते रहे. सीडब्ल्यूसी के सदस्य चुने जाने में क्या हर्ज है, इन सदस्यों के पार्टी में स्थिर कार्यकाल होंगे.
वहीं इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने उत्तर प्रदेश की लखीमपुर खीरी की जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से जितिन प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग से जुड़ी खबर की पृष्ठभूमि में बृहस्पतिवार को कहा कि पार्टी को अपने लोगों पर नहीं, बल्कि भाजपा को ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ से निशाना बनाने की जरूरत है.
इन नेताओं ने सोनिया गांधी को लिखी थी चिट्ठी
बता दें कि जिन नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी इनमें पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, पीजे कुरियन, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा और अजय सिंह शामिल हैं. इनके अलावा सांसद विवेक तन्खा, सीडब्ल्यूसी सदस्य मुकुल वासनिक और जितिन प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राजेंद्र कौर भट्ठल, एम वीरप्पा मोइली और पृथ्वीराज चव्हाण ने भी पत्र पर दस्तखत किए हैं.
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