रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Assembly) का मॉनसून सत्र मंगलवार से शुरू हो रहा है. राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण (Corona Virus) को देखते हुए इस सत्र में कई नए उपाय किए गए हैं. विधानसभा का यह मॉनसून सत्र (Chhattisgarh Assembly Monsoon Session) 25 अगस्त से शुरू होकर 28 अगस्त तक चलेगा. चार बैठक वाले इस सत्र में माना जा रहा है कि मुख्य विपक्षी दल बीजेपी (BJP) राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण, कानून-व्यवस्था और अवैध खनन के मुद्दे पर सरकार को घेर सकती है.
सोमवार को विधानसभा के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए मॉनसून सत्र में विधायकों के बैठने की व्यवस्था में बदलाव किया गया है. इस सत्र के दौरान विधायकों के बीच कांच की दीवार बनाई गई है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के तहत दो गज की दूरी के नियम का पालन हो सके.
अधिकारियों ने बताया कि सदन के भीतर विधायकों के लिए बैठक व्यवस्था में अब एक आसन पर दो ही विधायक बैठ सकेंगे, और उनके बीच कांच की दीवार होगी. वहीं 11 अतिरिक्त आसन की भी व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि विधानसभा के अध्यक्ष चरणदास महंत ने सोमवार को विधानसभा परिसर में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए उपायों का जायजा लिया.
कोरोना काल के मद्देनजर मॉनसून सत्र में रखी जाएगी पूरी सावधानी
अधिकारियों ने कहा कि सभी विधायकों के लिए विधानसभा परिसर के भीतर फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना, मास्क या फेस कवर का इस्तेमाल करना और समय-समय पर अपने हाथों को साफ करना या धोना अनिवार्य है. उन्होंने बताया कि सदन में प्रवेश के दौरान प्रत्येक सदस्यों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी और ऑक्सीजन लेवल भी जांचा जाएगा.
उन्होंने बताया कि मंत्रियों, संसदीय सचिवों, विधायकों और अधिकारियों के सुरक्षा कर्मचारियों को विधानसभा परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. सत्र के दौरान आम जनता का भी विधानसभा में प्रवेश वर्जित रहेगा. वहीं सत्र के दौरान विधानसभा परिसर में नियमित रूप से सफाई की जाएगी.
इधर मुख्य विपक्षी दल बीजेपी मॉनसून सत्र के दौरान कई मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगी. नेता विपक्ष धरमलाल कौशिक ने बताया कि उनकी पार्टी छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव, शराब की अवैध बिक्री, हाथियों की मौत, क्वारंटाइन सेंटरों की स्थिति, अवैध रेत खनन समेत कई मामले को उठाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार से जवाब मांगने के लिए चार दिन का सत्र पर्याप्त नहीं है. लेकिन इस सीमित अवधि के दौरान उनकी पार्टी जनता के हित से जुड़े सभी मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाएगी.
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