भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने रविवार को उन अटकलों को खारिज कर दिया कि वह असम में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे.
मीडिया के साथ बातचीत में पूर्व मुख्य न्यायाधीश और अब एक मनोनीत राज्यसभा सदस्य जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, ‘मैं एक राजनेता नहीं हूं और मेरी ऐसी कोई महत्वाकांक्षा या मंशा नहीं है. न ही किसी ने ऐसी किसी संभावना का उल्लेख नहीं किया है.’
साथ ही जस्टिस रंजन गोगोई ने यह भी साफ किया कि इस साल की शुरुआत में राज्यसभा की सदस्यता के लिए उनकी स्वीकृति राजनीति की औपचारिक शुरुआत की दिशा में एक कदम नहीं है.
कांग्रेस के पूर्व CM ने जताई थी संभावना
उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग राज्यसभा के एक नामित सदस्य और सदन के लिए चुने गए किसी राजनीतिक दल के एक उम्मीदवार के बीच अंतर को नहीं समझते हैं. मैं जानबूझकर राज्यसभा का नामित सदस्य बना क्योंकि यह मुझे मेरी आजादी को बनाए रखते हुए मेरे हित के मुद्दों पर मेरे विचारों को हवा देने के लिए अवसर प्रदान करता है. क्या यह मुझे एक राजनेता बनाता है?’
22 अगस्त को असम के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता तरुण गोगोई ने कहा था कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में रंजन गोगोई असम में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं.
तरुण गोगोई ने गुवाहाटी में मीडिया से कहा था, ‘मैंने अपने सूत्रों से सुना है कि रंजन गोगोई का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी के उम्मीदवारों की सूची में है. मुझे संदेह है कि उन्हें असम के अगले संभावित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए चुना जा सकता है.’
तरुण गोगोई का दावा बकवासः बीजेपी
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बीजेपी राम मंदिर के फैसले के लिए रंजन गोगोई से बेहद खुश है और परिणामस्वरूप, उन्हें भारत से मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में सेवानिवृत्त होने के बाद राज्यसभा सांसद के रूप में नामित किया गया था. गोगोई राज्यसभा सांसद का ऑफर स्वीकार करने से इनकार कर सकते थे, लेकिन उनकी स्वीकृति से पता चलता है कि वह सक्रिय राजनीति में रुचि रखते हैं.’
हालांकि बीजेपी की असम इकाई ने भी तरुण गोगोई के दावे को बकवास करार दिया है, इसे ‘अर्थहीन’ करार दिया है.
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