अंबिकापुर। गुरुवार का दिन अंबिकापुर शहर के लिए एक बार फिर खास दिन बनने जा रहा है। स्वच्छता के क्षेत्र में इंदौर के बाद देश के दूसरे स्वच्छ शहर का पुरस्कार जीत चुके नगर निगम अंबिकापुर के लिए इस बार भी बड़ी कामयाबी हाथ लगने की उम्मीद है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को देश के स्वच्छ शहरों की की घोषणा करेंगे,तत्पश्चात केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी स्वच्छ शहरों को मिलने वाले अवार्ड की जानकारी देंगे।
दो दिन से अंबिकापुर के कलेक्टोरेट में स्थित एनआईसी में इसका डेमो चल रहा है। दिल्ली से शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नगर निगम के अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं। आज 11 बजे स्वच्छ सर्वेक्षण के परिणाम की घोषणा ऑनलाइन होने जा रही है। इस ऑनलाइन कार्यक्रम में मेयर डॉ अजय तिर्की और कमिश्नर हरेश मंडावी के साथ पांच अधिकारी प्रधानमंत्री की वीडियो कांफ्रेंस में शामिल होने जा रहे हैं।
इस बार भी अंबिकापुर को स्वच्छता के क्षेत्र में बड़ा सम्मान मिलने की उम्मीद है। पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ शहरों की घोषणा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करेंगे। अब तक केंद्रीय शहरी विकास मंत्री स्वच्छ सर्वेक्षण की घोषणा करते आ रहे है।ज्ञात हो छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर शहर वर्ष 2015 से स्वच्छता के क्षेत्र में चर्चा में आया है। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन और सूखे और गीले कचरे को साढ़े चार सौ से अधिक महिलाओं के लिए आय का जरिया बनाने वाला यह शहर देश के अन्य शहरों के लिए मॉडल बन गया है।
अंबिकापुर कचरा प्रबंधन मॉडल का अध्ययन करने देशभर के कई बड़े महानगरों के साथ पड़ोसी देश नेपाल के प्रतिनिधि आ चुके हैं।छत्तीसगढ़ सरकार ने तो अंबिकापुर मॉडल को पूरे प्रदेश के नगरीय निकायों में लागू कर दिया है। लगातार स्वच्छता की रैंकिंग में अंबिकापुर शहर का नाम अव्वल रहता है। कई पुरस्कार स्वच्छता के दिशा में हासिल कर चुके शहर के लिए इस बार भी स्वच्छ सर्वेक्षण में शहर का नाम चर्चित होने जा रहा है।
देश के 16 शहरों में लागू है अंबिकापुर मॉडल
अंबिकापुर के मॉडल कचरा प्रबंधन को देश के 16 शहरों और पड़ोसी देश नेपाल के प्रतिनिधि यहां आकर अध्ययन कर अपने यहां इस मॉडल को लागू कर चुके हैं। अंबिकापुर मॉडल छत्तीसगढ़ राज्य के सभी नगरीय निकायों में लागू है।
ऐसा है अम्बिकापुर मॉडल
अम्बिकापुर शहर में महिलाओं का एक समूह गठित कर इस मॉडल की शुरूआत की गई थी। स्वच्छता दीदियो के नाम से पहचानी जाने वाली यह महिलाएं घर-घर जाकर कचरा संग्रह करती हैं। इस कचरे को संग्रहण केंद्र लाया जाता है, जहां हर तरह के कचरे को अलग कर उन्हें रिसायकल के लिए भेज जाता है। बचा कचरा जैविक खाद बनाने के काम आता है। इस तरह समूह बढ़ता गया, आत्मनिर्भता बढ़ती गई और शहर में सफाई की व्यवस्था बनी। इनके प्रयासों से यहां बाहर कचरा फेंकने का चलन पूरी तरह खत्म हो चुका है।
वॉटर मैनेजमेंट में किया अनूठा काम
हर बार अलग-अलग अनूठे काम के लिए अंबिकापुर शहर को अवार्ड मिलता आया है। इस बार अम्बिकापुर नगर निगम ने वाटर मैनेजमेंट पर अनूठा काम किया है। शहर के सीवरेज वाटर को प्राकृतिक तरीके से ट्रीटमेंट कर उसे सेकेंडरी उपयोग में लाने का अनूठा काम स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान चर्चा का बिषय रहा है। नगर के मरीन ड्राइव में प्राकृतिक तरीके से बगैर बड़ी राशि खर्च किए तैयार किये गए सिस्टम की चर्चा दिल्ली तक हुई है।इस पर बेहतर अंक भी मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा शहर को इसी साल कचरा मुक्त शहर बनने का गौरव मिला और 5 स्टार रेटिंग में शहर देश मे अव्वल है। इन सभी उपलब्धियों के कारण शहर को कल एक बार फिर बड़ी उम्मीद है।
महिलाओं ने कचरे से कमाए 6 करोड़ रुपये
अंबिकापुर शहर के 457 महिलाओं ने सूखे एवं गीले कचरे को आय के रूप में परिमार्जित कर इन चार साल में छह करोड़ का आय अर्जित किया है।इन महिलाओं की बदौलत अम्बिकापुर को लगातार स्वच्छता का सम्मान मिल रहा है।
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