जगदलपुर. सात दिन का राज्य स्तरीय लॉकडाउन खत्म हुए सप्ताह भर से ज्यादा का वक्त होने को है लेकिन बस सेवा अब भी लॉक है। यानी बस सेवा अब भी नियमित नहीं हो पाई है।
राज्य स्तरीय लॉकडाउन से पूर्व तक हर रूट पर कुछ बसें चलना शुरू हुई थी लेकिन राज्य सरकार के 31 जुलाई को लगाए गए लॉकडाउन के बाद से एक बार फिर बसों का परिचालन ठंडे बस्ते में चला गया है।
बसें बंद होने से एक बार फिर हालात बिगड़ने लगे हैं। जगदलपुर से दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, कोण्डागांव जैसे जिला मुख्यालयों तक जाने के लिए लोग भटक रहे हैं। हर दिन बस स्टैण्ड में लोग इसी आस के साथ पहुंच रहे हैं कि उन्हें यहां से अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए कोई साधन मिल जाएगा लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है।
इसके साथ ही जिन्हें रायपुर, विशाखापट्टनम या हैदराबाद जाना है तो उनके सामने सिर्फ प्राइवेट टैक्सी का ही विकल्प है। प्राइवेट टैक्सी वाले भी मनमाना किराया वसूल कर रहे हैं इसलिए यह सुविधा भी अब मध्यमवर्गीय लोगों की पहुंच से दूर होती जा रही है।
ऑपरेटर्स के पास कम सवारी का बहाना, सरकार भी इसे लेकर गंभीर नहीं
बस ऑपरेटरों का कहना है कि कोरोना की वजह से उन्हें कम सवारी मिल रही है। ऐसे समय में बस चलाने से उन्हें नुकसान हो रहा है। बस ऑपरेटरों के इस रवैये से आम लोग काफी गुस्से में हैं लोगों का कहना है कि ऐसे वक्त में तो ऑपरेटरों को मानवीय आधार पर बसें चलानी चाहिए।
बसों को चलवाने को लेकर राज्य सरकार भी गंभीर नजर नहीं आ रही है। सरकार ने अब तक इसे लेकर कोई पहल नहीं की है। यात्री मांग कर रहे हैं कि सरकार जल्द से जल्द यात्रियों की समस्या का निराकरण करे।
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