कोरोना काल में बिलासपुर के एक सरकारी स्कूल ने बच्चों की उपस्थिति को लेकर अनोखा आदेश जारी किया है। ऑनलाइन कक्षा के दौरान व्हाट्सऐप डीपी पर बच्चे की यूनिफार्म के साथ तस्वीर दिखने पर ही उपस्थिति दर्ज होगी। फोटो अपलोड नहीं करने पर अनुपस्थित कहलाएंगे। लापरवाही बरतने पर नंबर ब्लॉक कर दिया जाएगा।
रेलवे परिक्षेत्र के स्टेशन रोड स्थित दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे सह उच्चतर अंग्रेजी माध्यम शाला नंबर वन एक बार फिर अपने आदेश को लेकर शिक्षाजगत में सुर्खियों में है। प्राचार्य केके मिश्रा ने अपने शिक्षकों के माध्यम से सभी अभिभावकों से कहा है कि वे वाट्सएप डीपी प्रोफाइल पर अपने बच्चों की यूनिफार्म पहनें हुए तस्वीर अनिवार्य रूप से रखें। तभी कक्षा में ऑनलाइन उपस्थिति मानी जाएगी।
आदेश का पालन नहीं करने पर नंबर ब्लॉक कर दिया जाएगा। जिसके बाद बच्चा ऑनलाइन कक्षा में शामिल नहीं हो सकेगा। प्रबंधन का तर्क है कि डीपी प्रोफाइल पर अभिभावक कई बार प्रोफाइल में अन्य तस्वीर रखते हैं या अपने दोस्तों रिश्तेदारों के जन्मदिन पर उनकी फोटो अपलोड करते थे। शिक्षकों को मैसेज भेजने या ऑनलाइन कक्षा के दौरान इससे समस्या होती है।
बच्चों की यूनिफार्म में तस्वीर होने से पढ़ाने व कॉल, मैसेज में आसानी होगी। आदेश के बाद अधिकांश अभिभावक खुश हैं। बच्चे की तस्वीर सभी रखना चाहते हैं। वहीं कुछ ऐसे भी माता-पिता हैं जो इसे प्राचार्य की मनमानी करार दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनेंगे बच्चे
स्कूल प्रबंधन ने इस साल स्वतंत्रता दिवस को भी अनोखे अंदाज में मनाने का निर्णय लिया है। घर में बुजुर्गों से ध्वजारोहण कराना है। भारत के अब तक के सभी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के रूप में फैंसी ड्रेस पहनकर तैयार होना है।
स्वच्छता से संबंधित घर में तस्वीर बनाएंगे। एक नृत्य, निबंध या बागीचे की सफाई का दो मिनट का वीडियो क्लिप बनाकर बच्चे अपने शिक्षक को भेजना होगा। चयनित बच्चों को पुरस्कार व प्रमाण पत्र से सम्मानित भी किया जाएगा।
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