भारतीय रेलवे ने अंग्रेजों के जमाने के एक नियम को बदल दिया है. इस बदलाव के बाद रेलवे के सीनियर अधिकारियों को परेशानी हो सकती है. आइए जानते हैं आखिर क्या था नियम और इसमें बदलाव क्या हुआ है.
दरअसल, रेलवे के सीनियर अधिकारियों के आवास पर काम करने वाले ‘बंगला पियुन’ या टेलीफोन अटेंडेंट सह डाक खलासी (टीएडीके) के पद पर अब कोई नई भर्ती नहीं की जाएगी.
रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. बता दें कि रेलवे में सीनियर अधिकारियों के पास बंगला पियुन या टेलीफोन अटेंडेंट सह डाक खलासी की नियुक्ति का अधिकार होता है.
इसकी भर्ती के लिए कोई परीक्षा नहीं होती है. मतलब ये हुआ कि रेलवे अधिकारी जिसे चाहे भर्ती कर सकता है.
रेलवे बोर्ड ने आदेश में कहा है, ‘‘यह फैसला किया गया है कि टीएडीके के स्थानापन्न के तौर पर नए लोगों की नियुक्ति की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जानी चाहिए और न ही तत्काल नियुक्ति की जानी चाहिए.’’
आदेश के मुताबिक एक जुलाई 2020 से इस प्रकार की नियुक्तियों को दी गई मंजूरी के मामलों की समीक्षा की जा सकती है और इसकी स्थिति बोर्ड को बताई जाएगी.
रेलवे बोर्ड के आदेश में ये भी कहा गया कि इसका सभी रेल प्रतिष्ठानों में सख्ती से पालन किया जाए.
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