अंबिकापुर। बीमार महिला बिहानी देवी को रास्ते में रोककर उनकी मौत का कारण बनी पुलिस अब बचाव के रास्ते ढूंढ रही है। मामले को गंभीर मानते हुए भाजपा ने तीन सदस्यीय विधायक दल को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। दूसरी तरफ पुलिस की तरफ से बहाना बनाया जा रहा है कि परिजनों ने बताया ही नहीं कि कार में बीमार महिला है।
इधर परिजनों का आरोप है कि अंतर जिला परिवहन पास नहीं होने का हवाला देकर पुलिस ने सूरजपुर जिले की सीमा पर स्थित बैरियर से मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर जाने की अनुमति नहीं दी थी। वापसी के दौरान रास्ते में ही महिला ने ही दम तोड़ दिया था।
बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के ग्राम गैना निवासी रामाधार पनिका की 45 वर्षीय पत्नी बिहानी देवी की रविवार शाम को मौत हो गई थी। परिजन का कहना है कि धोंधा चेकपोस्ट पर पुलिस वालों ने अंतर जिला पास नहीं होने का हवाला देकर आगे जाने नहीं दिया। विवश होकर उन्हें वापस लौटना पड़ा और गैना गांव से 10 किमी पहले केनवारी में महिला की मौत हो गई।
उसके बाद बोलेरो चालक ने शव को सड़क किनारे उतार दिया और मौके से फरार हो गया। मामला प्रकाश में आने के बाद सूरजपुर एसपी राजेश कुकरेजा ने प्रतापपुर एसडीओपी राकेश पाटनवार को घटना की सच्चाई जानने और रविवार रात ही पीड़ित परिवार से मुलाकात के लिए भेजा था।
एसपी खुद रविवार और सोमवार को धोंधा बैरियर पर पहुंचे और घटना की जांच-पड़ताल की। 24 घंटे बाद भी पूरे मामले में न किसी के ऊपर जवाबदेही तय की गई, न ही किसी प्रकार की कार्रवाई की गई।
इस बीच नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने महिला की मौत को शर्मनाक और गंभीर घटना बताया है। पूरे मामले की जांच के लिए उन्होंने तीन विधायकों का सदस्यीय जांच दल का गठन कर शिवरत्न शर्मा को अध्यक्ष बनाया है। सदस्य के रूप में विधायक नारायण चंदेल व डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी को शामिल किया गया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस तरह का अमानवीय कृत्य करने वाले दोषी पुलिसकर्मियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए।
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