बलरामपुर, पवन कश्यप- जनपद पंचायत रामचंद्रपुर का एक और मामला सामने आया है जो मत्स्य पालन हेतु जलाशय को लीज पे दिए जाने से जुड़ा है इसी मुद्दे पे कुछ जनपद सदस्यों ने सामान्य सभा का भारी विरोध भी किया था बावजूद इसके जनपद सीईओ ने जलाशयों के लीज की प्रदान कर दी है गौरतलब है.
कि पिछले दिनों जनपद पंचायत की सामान्य सभा मे मत्स्य पालन हेतु जलाशय लीज पे दिए जाने का प्रस्ताव पारित किया जा रहा था जिसे आपत्र आपत्र समूहों को लीज दिए जाने का आरोप लगाकर 9 जनपद सदस्यों ने सामान्य सभा का बहिष्कार कर दिया था, बताया जा रहा है कि 25 में से 9 सदस्यों ने बहिष्कार किया और 04 अनुपस्थित थे ऐसे में सदस्यों की संख्या बहुमत से थोड़ी दूर ही थी बावजूद इसके जनपद सीईओ ने जलाशयों की लीज प्रदान कर दी जिससे जनपद पंचायत रामचंद्रपुर के सीईओ की कार्यप्रणाली संदेश के घेरे में है.
पहले भी रहे हैं विवादों के घेरे में. रामचंद्रपुर विकासखण्ड के सीईओ इससे पहले जनपद पंचायत बलरामपुर के सीईओ थे जहां क्वारंटाइन सेंटर में एक युवक के साथ मारपीट किए जाने के मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री एवं सरगुजा संसद रेणुका सिंह से काफी फटकार भी लगाई थी बावजूद इसके इन्हें रामचंद्रपुर का सीईओ बनाया जाना कई सवालों को जन्म भी देती है..
चर्चे में यह भी है कि किसी खास मकसद के लिए किसी खास व्यक्ति द्वारा इन्हें रामचंद्रपुर सीईओ का दायित्व दिया गया है जिस एहसान के बदले सीईओ साहब भी दबे हुए हैं जिसके कारण किसी खास व्यक्ति की ही सुनते हैं, बहरहाल मामला चाहे जो भी हो परंतु भाजपा ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा है कि विपक्ष में रहते कानून और संविधान की पाठ पढ़ाने वाली कांग्रेस आज जब सत्ता में आई तो अपनी पाठ खुद ही भुल चुकी है.
मामला चाहे संसदीय सचिव की नियुक्ति का हो या फिर मत्स्य पालन हेतु जलाशयों को लीज पर लेने वाले व्यक्तियों और समूहों का सत्तापक्ष से सम्बंध का हो, कहीं न कहीं सारे नियम और कायदे ताक पर रखकर शासन प्रसासन का दुरुपयोग करने में कोई कसर नहीं छूट रहा है.
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