बलरामपुर रामानुजगंज,पवन कश्यप- बलरामपुर: जिले की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामानुजगंज में कार्यरत स्टाफ नर्स निर्मला पांडे की लापरवाही के कारण शुक्रवार को एक नवजात शिशु की मौत हो गई जिसने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामानुजगंज व्यवस्थाओं की पोल खोल दी।
गौरतलब है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामानुजगंज अंतर्गत ग्राम पंचायत महावीरगंज निवासी तथा वनवासी कल्याण आश्रम के जिला संगठन मंत्री संतोष पांडे ने गुरुवार को रात लगभग 1 बजे अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर स्वास्थ्य केंद्र रामानुजगंज पहुंचकर एडमिट कराया तत्पश्चात ड्यूटी में तैनात नर्स निर्मला पांडे ने मरीज को नजरअंदाज करते हुए उनपर कोई ध्यान नहीं दिया ।
गर्भवती मरीज की पीड़ा बढ़ने पर मरीज की पति संतोष पांडे ने जब नर्स निर्मला पांडे से कहा कि पीड़ा लगातार बढ़ रही है और चलकर थोड़ा देख लीजिए तो नर्स निर्मला पांडे ने संतोष पांडे को देहाती और गंवार कहकर मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हुए कहा कि इतना ही परवाह है तो सरकारी अस्पताल में लेकर क्यों आए हो किसी प्राइवेट अस्पताल में क्यों नहीं चले गए इस प्रकार लगभग 3 घण्टे मरीज अपने बेड पर तड़पती रही लेकिन नर्स निर्मला पांडे को जरा भी तरस नहीं आया अंत में नर्स निर्मला पांडे ने संतोष पांडे से कहा कि तुम अपनी पत्नी को यहां से ले जाओ मैं नहीं देख पाऊंगी,
नर्स के कहने पे वनवासी कल्याण आश्रम के जिला संगठन मंत्री और गर्भवती महिला के पति संतोष पांडे ने शुक्रवार की सुबह सूर्योदय से पहले अपनी पत्नी को लेकर स्वास्थ्य केंद्र बलरामपुर के लिए रवाना हुए बलरामपुर पहुंचते ही महिला ने बच्चे को जन्म तो दिया परंतु जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशु की मौत हो गई जिससे संतोष पांडे के परिवार में शोक व्याप्त है,
सन्तोष पांडे ने बताया कि जब हमलोग स्वस्थ्य केंद्र रामानुजगंज पहुंचे थे तभी यदि नर्स निर्मला पांडे द्वारा मरीज के साथ दुर्व्यवहार न करके सही से देखरेख किया गया होता तो आज हमारी बच्ची जिंदा होती, बताया जा रहा है कि यह कोई पहला मामला नहीं है नर्स निर्मला पांडे द्वारा आए दिन गर्भवती महिला के साथ दुर्व्यवहार किया जाता रहा है,
आगे सन्तोष पांडे ने कहा कि नर्स निर्मला पांडे के दुर्व्यवहार और उनकी मानसिकता के वजह से आज मैंने अपनी बच्ची को खोया है उनके खिलाफ मैं उच्चाधिकारियों से शिकायत कर उन्हें बर्खास्त करने तथा उचित करवाई की मांग करेंगे ताकि आज जो मेरे साथ हुआ वह भविष्य में किसी और के साथ न हो।
इस संबंध में जब मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ कैलाश कैवर्त्य से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मरीज आने की जानकारी मुझे भी मिली है मगर कब आये कितना देर तक रुके उनके साथ क्या हुआ इसकी जानकारी नहीं है और ना ही परिजन के द्वारा कोई शिकायत पत्र प्राप्त हुआ है।
CCTV फुटेज देखने का बाद ही स्पस्ट बता पाऊंगा। यदि मरीज के परिजन की शिकायत सही पाई जाती है दोषी स्टाफ के बिरुद्ध करवाई की जाएगी। बहरहाल देखना अब यह देखना लाजमी होगा कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी सक्षम अधिकारी इस अकड़ैल नर्स के ऊपर करवाई करने की साहस जुटा पाते हैं या नहीं।
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