- 2 जुलाई को गैंगस्टर विकास दुबे और उसकी गैंग ने बिकरू गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या कर दी थी
- 9 जुलाई को विकास उज्जैन के महाकाल मंदिर से पकड़ा गया, अगली सुबह कानपुर में एसटीएफ ने उसका एनकाउंटर कर दिया
- अब तक शूटआउट में 12 आरोपी गिरफ्तार, 21 नामजद में से अभी 12 फरार चल रहे, दबिश अभी जारी
कानपुर. गैंगस्टर विकास दुबे की गैंग के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस का ऑपरेशन जारी है। वहीं, राज्य सरकार ने इस मामले में एसआईटी को जांच के निर्देश दिए हैं। इसे एडिशनल चीफ सेक्रेटरी संजय भूसरेड्डी लीड करेंगे। इस बीच, विकास के अंतिम संस्कार के बाद देर शाम उसका बड़ा बेटा आकाश लखनऊ में अपनी दादी सरला देवी से मिलने पहुंचा, जिसके बाद उसे पुलिस अपने साथ ले गई।
एसआईटी इन मुद्दों पर जांच करेगी
- घटना के पीछे के कारणों जैसे- विकास दुबे पर जो भी मामले चल रहे हैं, उनमें अब तक क्या कार्रवाई हुई। विकास के साथियों को सजा दिनाने के लिए जरूरी कार्रवाई की गई या नहीं। इतने बड़े अपराधी की जमानत रद्द कराने के लिए क्या कार्रवाई की गई।
- विकास के खिलाफ कितनी शिकायतें आईं। क्या चौबेपुर थाना अध्यक्ष और जिले के अन्य अधिकारियों ने उनकी जांच की। जांच में सामने आए फैक्ट्स के आधार पर क्या कार्रवाई की गई।
- विकास और उसके साथियों पर गैंग्स्टर एक्ट, गुंडा एक्ट, एनएसए के तहत क्या कार्रवाई की गई। कार्रवाई करने में की गई लापरवाही की भी जांच की जाएगी।
- विकास और उसके साथियों के पिछले एक साल के कॉल डीटेल रिपोर्ट (सीडीआर) की जांच करना। उसके संपर्क में आने वाले पुलिसकर्मियों की मिलीभगत के सबूत मिलने पर उन पर कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा करना।
- घटना के दिन पुलिस को आरोपियों के पास हथियारों और फायर पावर की जानकारी कैसे नहीं मिली। इसमें हुई लापरवाही की जांच करना। थाने को भी इसकी जानकारी नहीं थी, इसकी भी जांच करना।
- अपराधाी होने के बावजूद भी विकास और उसके साथियों को हथियारों के लाइसेंस किसने और कैसे दिए। लगातार अपराध करने के बाद भी उसके पास लाइसेंस कैसे बना रहा।
- इससे पहले, यूपी एसटीएफ ने ग्वालियर के रहने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया। दोनों पर आरोप है कि विकास के फरार साथी शशिकांत और शिवम दुबे को इन लोगों ने पनाह दी थी। आरोपियों पर कानपुर में केस दर्ज है। इसके अलावा, महाराष्ट्र एटीएस ने 2 लोगों को ठाणे से गिरफ्तार किया है।
यूपी एसटीएफ ने ग्वालियर से दो लोगों को गिरफ्तार किया
यूपी एसटीएफ ने ग्वालियर से ओमप्रकाश और अनिल पांडेय नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन्होंने 8 पुलिसवालों की हत्याकांड में नामजद आरोपी शशिकांत और शिवम को अपने घर रुकवाया था। खबर यह भी है कि एसटीएफ 4 जुलाई को ही इनको उठा ले गई थी, लेकिन ग्वालियर पुलिस को इसकी सूचना शनिवार को दी। हालांकि, ग्वालियर पुलिस ने अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
डरा-सहमा बेटा दादी से मिलने पहुंचा
लखनऊ में शुक्रवार देर रात विकास का बड़ा बेटा आकाश अचानक सामने आया। वह डरा-सहमा कृष्णानगर में दादी से मिलने पहुंचा था। वह मकान में दाखिल होता, इससे पहले ही उसे पुलिस पकड़कर ले गई। उसे विश्वास में लेकर पूछताछ की, फिर घर पर छोड़ दिया। बताया जाता है कि आकाश विदेश से एमबीबीएस कर रहा है। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
इससे पहले विकास की पत्नी ऋचा और छोटे बेटे को पुलिस ने हिरासत में लिया था। 16 घंटे बाद शुक्रवार को दोनों को रिहा कर दिया था। देर रात ऋचा समेत पूरा परिवार कानपुर से लखनऊ लौट आया। इनमें से कोई भी मीडिया से कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
विकास का खास गुर्गा गुड्डन और उसका ड्राइवर ठाणे से गिरफ्तार
विकास का खास गुर्गा अरविंद उर्फ गुड्डन रामविलास त्रिवेदी और उसका ड्राइवर सुशील कुमार उर्फ सोनू तिवारी ठाणे से गिरफ्तार किया किया है। शुक्रवार को महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख दया नायक के नेतृत्व में टीम ने यहां कोलशेत रोड पर एक घर पर छापा मारा था। गुड्डन त्रिवेदी के बारे में कहा जाता है कि यह राजनीति में सक्रिय था और इसने विकास की कई बड़े नेताओं से मुलाकात करवाई थी। त्रिवेदी पर भी 2001 में यूपी के राज्यमंत्री संतोष शुक्ल की हत्या की साजिश का आरोप था।
विकास का साला राजू खुल्लर रिहा
विकास के साले राजू खुल्लर को भी यूपी एसटीएफ ने रिहा कर दिया है। एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट ने राजू को मध्य प्रदेश के शहडोल से हिरासत में लिया था। विकास के संबंध में जानकारी जुटाने के लिए राजू से पूछताछ की गई।
राशन की दुकान से 7 जिंदा बम मिले थे
बिकरू गांव में शुक्रवार को तलाशी के दौरान पंचायत भवन में राशन की दुकान से 7 जिंदा देशी बम बरामद हुए थे। इन्हें डिफ्यूज कर दिया गया। यह दुकान विकास के नौकर दयाशंकर अग्निहोत्री के नाम थी। वह पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस ने गांव में मुनादी कराई कि यदि किसी के यहां असलहा, बम या अवैध सामान हो तो उसे 24 घंटे में पुलिस के हवाले कर दे। बाद में बरामद हुआ तो केस दर्ज किया जाएगा।
21 नामजद में से 12 अभी भी फरार
अब तक विकास के करीबी प्रभात, बऊआ, अमर दुबे, प्रेम प्रकाश पांडे, अतुल दुबे का एनकाउंटर हो चुका है। नामजद में 21 आरोपियों में से 12 अभी भी फरार हैं। वहीं, चौबेपुर के एसओ रहे विनय तिवारी, दरोगा केके शर्मा समेत 12 लोगों की भी गिरफ्तारी हुई है।
कानपुर के चौबेपुर थाना के बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात गैंगस्टर विकास दुबे और उसकी गैंग ने 8 पुलिसवालों की हत्या कर दी थी। अगली सुबह से ही यूपी पुलिस विकास गैंग के सफाए में जुट गई। गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर से सरेंडर के अंदाज में विकास की गिरफ्तारी हुई थी। शुक्रवार सुबह कानपुर से 17 किमी पहले पुलिस ने विकास को एनकाउंटर में मार गिराया।
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