UGC university exam guidelines 2020: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने गुरुवार को कहा कि अगर हम फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षाएं नहीं कराएंगे तो इससे उनकी डिग्री की वैधता पर एक सवाल उठता है। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि बदलती हुई कोविड-19 की परिस्थितियों और छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को देखते हुए जुलाई में अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा कराना संभव नहीं था, इसलिए 30 सिंतबर तक परीक्षा कराने की गाइडलाइंस दी गई हैं।
उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी और कॉलेज ऑनलाइन, ऑफलाइन या ब्लेंडेड किसी भी मोड से परीक्षाएं आयोजित कर सकते हैं। परीक्षाएं आयोजित करने की गाइडलाइंस स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सुझाई गई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के आधार पर ही जारी की गई हैं
सभी राज्य कराएं फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा
प्रोफेसर जैन ने सभी राज्यों से अपील की कि वह अपने यहां के सभी विश्वविद्यालयों के फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा जरूर कराएं। उन्होंने कहा, ‘हमें पता चला है कि कई राज्यों ने अपने यहां के विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। लेकिन देश में उच्च शिक्षा स्तर में एकरूपता होना बेहद जरूरी है। इसके लिए ही गाइडलाइंस स्वीकार की जाती हैं और उनका अनुसरण किया जाता है। उन राज्यों को भी यूजीसी की गाइडलाइंस माननी चाहिए और फाइनल ईयर की परीक्षाएं करानी चाहिए।’
उन्होंने कहा कि ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स की परीक्षाएं कराना काफी जरूरी है हालांकि स्टूडेंट्स की सुरक्षा और उनका स्वास्थ्य भी हमारी प्रमुख चिंता है। हालातों को देखते हुए ही हमने तय किया कि सिर्फ फाइनल ईयर के एग्जाम होंगे।
जैन ने कहा कि अगर कोई स्टूडेंट सितंबर में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में नहीं बैठ पाता है तो यूनिवर्सिटी ऐसे छात्रों के लिए स्पेशल एग्जाम करवाएगी।
जैन ने कहा, ‘अगर आप दुनिया के अन्य देशों की ओर देखोगे तो हर बेस्ट यूनिवर्सिटी में परीक्षाएं आयोजित की गई हैं। आप अमेरिका, यूएस, कनाडा, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर की यूनिवर्सिटी की तरफ देख सकते हैं। स्टूडेंट्स को परीक्षा देने के लिए ऑनलाइन समेत, टेक होम जैसे ऑप्शन दिए गए। परीक्षाएं जीवन भर के लिए छात्रों के मूल्यांकन को विश्वसनीयता देती हैं। परीक्षा से ही उन्हें वह डिग्री मिलेगी जिसके बलबूते वह आगे एडमिशन लेंगे या प्लेसमेंट लेंगे।
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