भारत सहित पूरे विश्व में इन दिनों कोरोना वायरस को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। क्योंकि जरा सी लापरवाही हमें गंभीर परिणाम भुगतने को मजबूर कर सकती है। ऐसे में दफ्तर, शॉपिंग सेंटर या फिर कहीं भी अगर आप सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करते हैं तो आप भी कोरोना के शिकार हो सकते हैं.
लेकिन एक रिसर्च में सामने आया है कि अगर इस्तेमाल करने के बाद फ्लश चलाने से पहले टॉयलेट सीट के ढक्कन को बंद कर दिया जाए तो संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है।
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के मल से वायरस फैलने की संभावना पर वैज्ञानिकों ने रिसर्च किया है। अध्ययन से पता चला है कि मरीज के ठीक हो जाने के बाद भी उसके मल में कोरोना का वायरस पांच हफ्तों तक जिंदा रह सकता है। ऐसे में वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे है कि अगर शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद टॉयलेट सीट के ढक्कन को बंद कर फ्लश का इस्तेमाल किया जाए तो संक्रमण के खतरे को बहुत हद तक कम किया जा सकता है।
फिजिक्स ऑफ फ्लड जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक टॉयलेट सीट से निकलकर बाथरूम के वातावरण में संक्रमित कण एक मिनट से ज्यादा समय तक हवा में रहते हैं. इन कणों के संपर्क में आते ही कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकता है।
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