भारत भर में 31 लाख से अधिक छात्रों का इंतजार आज खत्म होगा. सुप्रीम कोर्ट आज 2 बजे तक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की बची हुई परीक्षाओं को लेकर अंतिम निर्णय की घोषणा करेगा.
सीबीएसई परीक्षाओं की घोषणा का असर सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों की प्रवेश प्रक्रिया के साथ-साथ जेईई मेन और नीट 2020 सहित राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा पर भी पड़ेगा.
बता दें, बची हुई सीबीएसई के पेपर शुरू में 1 से 15 जुलाई तक आयोजित होने हैं, हालांकि, देश भर में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि के साथ, शिक्षा बोर्ड और सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार कर रहे हैं.
दिल्ली सरकार, जिसमें सीबीएसई स्कूलों की संख्या सबसे अधिक है, पहले ही बोर्ड परीक्षा आयोजित करने को लेकर असहमति दिखा चुकी है. दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया था कि वे दिल्ली में बची हुई सीबीएसई परीक्षा का आयोजन न करें.
महाराष्ट्र में, CISCE परीक्षा आयोजित करने के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. बॉम्बे हाईकोर्ट में, CISCE ने कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं के छात्रों को बोर्ड परीक्षा छोड़ने का विकल्प दिया है. CISCE के मूल्यांकन के वैकल्पिक तरीके पर भी चर्चा की जा रही है.
क्या होगा अगर CBSE ने रद्द किए पेपर
सीबीएसई अगर परीक्षा रद्द करता है तो वैकल्पिक मूल्यांकन प्रणाली के आधार पर परिणाम घोषित किया जाएगा. CBSE ने वैसे भी परीक्षा के लिए आंतरिक मूल्यांकन मानदंड का पालन करने का सुझाव दिया था. बता दें, सीबीएसई 29 मुख्य विषयों की परीक्षा का आयोजन करने जा रहा है. हालांकि अभी सभी को सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय का इंतजार है. जिसके बाद तय होगा परीक्षा होगी या नहीं.
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