गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान यह चंदा संयुक्त रूप से पांच राष्ट्रीय और 16 क्षेत्रीय दलों को मिला
नई दिल्ली। राजनीतिक दलों ने पिछले साल हुए पांच विधानसभा चुनावों के दौरान 15 सौ करोड़ रुपए से अधिक का चंदा प्राप्त किया है। हालांकि उन्होंने इसमें केवल 4 सौ 94 करोड़ रुपए ही खर्च किए है। शोध संस्थान एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने एक विश्लेषण में यह बात कही है। गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान यह चंदा संयुक्त रूप से पांच राष्ट्रीय और 16 क्षेत्रीय दलों को मिला था। रिपोर्ट के अनुसार पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के दौरान राष्ट्रीय दलों ने चंदे के रूप में कुल 1314.29 करोड़ रुपए प्राप्त किए। वहीं उन्होंने 328.66 करोड़ रुपए का खर्च किए। राष्ट्रीय दलों में भाजपा को सबसे अधिक 1214.46 करोड़ रुपए का चंदा मिला, जो केंद्र एवं राज्य स्तर पर कुल प्राप्त चंदे का 92.4 प्रतिशत है। पार्टी के केंद्रीय मुख्यालय को 1194.21 करोड़ रुपए मिले। वहीं विभिन्न राज्य इकाइयों में भाजपा की गोवा इकाई ने 91 करोड़ रुपए प्राप्त हुए, जो दूसरी सबसे बड़ी राशि है। दूसरी तरफ 16 क्षेत्रीय दलों ने सामूहिक रूप से 189 करोड़ रुपए प्राप्त किए और 166 करोड़ रुपए खर्च किए। छह क्षेत्रीय दलों ने किसी भी विधानसभा चुनाव में किए गए खर्च का कोई ब्यौरा नहीं दिया।
रिपोर्ट निर्वाचन आयोग में जमा किए गए चुनावी व्यय ब्यौरे के आधार पर तैयार की गई है। राजनीतिक दलों को चंदा नकद, चेक और डिमांड ड्राफ्ट के जरिये मिला। उन्होंने अपना खर्च प्रचार, यात्रा व्यय, अन्य विविध व्यय और चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार को एकमुश्त राशि के भुगतान के रूप में दिखाया है. राष्ट्रीय दलों ने प्रचार पर जहां 189.46 करोड़ रुपए खर्च किए, वहीं क्षेत्रीय दलों ने इसी मद में 111 करोड़ रुपए दिखाये हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, राकंपा और माकपा तीन ऐसे दल हैं जिनकी राज्य इकाइयों ने अपने केंद्रीय मुख्यालय के मुकाबले अधिक चंदा प्राप्त किया। राकांपा की राज्य इकाइयों को 61 लाख तथा माकपा को 46 लाख रुपए का चंदा मिला। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने घोषणा की है कि उसे कोई चंदा नहीं मिला है। क्षेत्रीय दलों में शिवसेना को गोवा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिये सबसे अधिक 116 करोड़ रुपए का चंदा मिला। वहीं आम आदमी पार्टी को गोवा और पंजाब में चुनाव लडऩे के लिये 37.35 करोड़ रुपए मिले।
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