छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 5 लाख शासकीय कर्मचारियों और अधिकारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि विलंबित रखे जाने का निर्णय लिया गया है । जबकि वेतन वृद्धि सिर्फ दंडात्मक कार्यवाही के तहत ही रोकी जाती है ।
ऐसे अविवेकपूर्ण और अन्याय पूर्ण आदेश के विरोध में आज पूर्व मंत्री केदार कश्यप जी ने छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात कर इस विषय पर हस्तक्षेप कर शासकीय सेवको को वेतन वृद्धि दिए जाने का आदेश करवाने हेतु आवश्यक ज्ञापन प्रस्तुत किया ।
साथ ही साथ पूर्व मंत्री श्री कश्यप ने महामहिम राज्यपाल महोदया से यह भी आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति / जनजाति वर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदेश का पालन नही किया जा रहा है, अतः पदोन्नति नियम में आवश्यक संशोधन किए जाने हेतु आदेशित किये जाने के लिए भी श्री कश्यप के द्वारा राज्यपाल महोदया को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। राज्यपाल महोदया से मुलाकात के दौरान अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष विकास मरकाम भी उपस्थित थे ।
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