छत्तीसगढ़

छग विस : वन्य प्राणियों के उत्पात पर मुआवजा जल्द नहीं मिलने का मामला गूंजा

रायपुर। विधानसभा में आज प्रदेश में वन्य प्राणियों से जन-फसल की हानि, इससे प्रभावितों को जल्द से जल्द मुआवजा दिये जाने तथा अपनी जान बचाने वन्य प्राणी की हत्या पर संबंधित व्यक्ति को दोषमुक्त करने का मुद्दा कांग्रेस सदस्यों ने जोर-शोर से उठाया।
कांग्रेस सदस्य सत्यनारायण शर्मा ने प्रश्रकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि अगर कोई किसान अपनी जान बचाने के लिए किसी वन्य प्राणी की हत्या कर देता है तो क्या उसे अपराधी नहीं बनाने कोई कार्यवाही वनमंत्री करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री ने मेरे सवाल के जवाब में बताया कि वर्ष 2015-16 से लेकर दिसंबर 2017 तक वन्य जीव हत्या के मामले में 137 प्रकरण दर्ज किये गये है। क्या उन प्रकरणों की जांच कराकर दोषियों को दोषीमुक्त कराएंगे। कांग्रेस सदस्य धनेन्द्र साहू ने भी प्रश्र करते हुए कहा कि वन्य परिक्षेत्र के बाहर अगर कोई व्यक्ति अपनी जान बचाने के लिए वन्य जीव की हत्या करता है तो क्या उसे अपराध की श्रेणी में नहीं आना चाहिए। क्या राज्य सरकार ऐसा कोई कानून बनाएगें जिससे अपनी जान बचाने के लिए वन्य जीव की हत्या को अपराध नहीं माना जाए। वनमंत्री महेश गागड़ा ने इसके जवाब में कहा कि वन्य प्राणियों की हत्या वन परिक्षेत्र में हो या उससे बाहर हो इसके लिए केन्द्रीय कानून बना हुआ है और वह कानून यहां भी लागू, जिसके आधार पर ही कानूनी कार्रवाई की जाती है। वनमंत्री ने यह भी कहा कि वन्य प्राणियों पर चूंकि केन्द्रीय कानून लागू होता है इसलिए विधानसभा में इस संबंधित में कोई अलग से कानून नहीं बनाया जा सकता है। कांग्रेस सदस्यों ने वन्य प्राणियों के उत्पात व हमले से फसल व जनहानि पर पीडि़त किसानों को समय पर मुआवजा नहीं दिए जाने का भी मुद्दा उठाया। कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि पीडि़त किसानों को समय पर मुआवजा नहीं मिल पाता जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने मांग की कि पीडि़तों को जल्द से जल्द मुआवजा कराने की व्यवस्था शासन द्वारा कराया जाना चाहिए।

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