गर्मी ढा रही कहर, मार्च में ही अप्रैल के जितना पहुंचा अधिकतम तापमान

नई दिल्ली. देश के अधिकांश हिस्सों में इन दिनों गर्मी (Summer 2022) अपने शबाब पर है. मैदान इलाकों में अधिकतम तापमान (Maximum Temperature) में बेहद तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में इस साल माना जा रहा है कि गर्मी का मौसम समय से पहले आ गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार मौसम विभाग (IMD) के आंकड़ों का विश्लेषण करने से पता चलता है कि देश में जो गर्मी का मौसम अप्रैल के मध्य में होता था, वो अब इस बार मार्च के मध्य में देखने को मिल रहा है. इस दौरान औसत अधिकतम तापमान में अभूतपूर्व बढ़ोतरी दर्ज की गई है. ऐसा बारिश की कमी के कारण हुआ है. मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल का मार्च महीना 1901 के बाद से अब तक का सबसे सूख मार्च रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार मौसम विभाग के ग्रिडेड डाटाबेस पर नजर डालें तो 18 मार्च को भारत में औसत अधिकतम तापमान बढ़कर 35.27 डिग्री सेल्सियस हो गया था. यह ऐतिहासिक रूप से करीब 9.6 फीसदी अधिक था. अगर तापमान के इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि औसम अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक सिर्फ अप्रैल के मध्य में होता था. लेकिन इस बार यह मार्च के मध्य में ही हो गया है. यह भी पता चला है कि इस बार 16 मार्च से 18 मार्च के बीच जो अधिकतम औसत तापमान रहा, वो पिछली सभी वर्षों की गणना में 13 अप्रैल तक का सबसे अधिक आंकड़ा है.
देश में इस साल 1 मार्च से 20 मार्च के बीच का समय 1951 के बाद से अब तक 14वां सबसे गर्म समय रहा है. जबकि इस साल का 14 मार्च से 20 मार्च तक का सप्ताह 1951 के बाद से अब तक तीसरा सबसे गर्म सप्ताह रहा. इस साल 14 मार्च से 19 मार्च के बीच के दिनों का तापमान 1951 के बाद से इसी समय में शीर्ष पांच में शामिल रहा है.
हालांकि इन पिछले दिनों में कोई भी ऐसा दिन नहीं रहा जो 1951 के बाद से सबसे गर्म रहा हो. ऐसा शायद इसलिए हुआ क्योंकि अभी देश के सभी राज्यों में गर्म दिन नहीं हो रहा है. राज्यों पर नजर डालें तो केरल में 14 मार्च इस साल अब तक का सबसे गर्म दिन रहा. 14 मार्च को केरल में 35.8 डिग्री तापमान था. जबकि बिहार में 20 मार्च को 36.6 डिग्री तापमान था. जबकि 11 राज्यों केरल, कर्नाटक, गुजरात, पश्चिम बंगाल और नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों (सिक्किम को छोड़कर) में पहले ही रोजाना के स्तर पर अधिकतम तापमान देखा जा चुका है, जो इस इस साल वहां के सामान्य दिनों के तापमान से कहीं अधिक था.
पांच राज्यों महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा, तेलंगाना और तमिलनाडु में एक साल में सामान्य अधिकतम तापमान के अधिकतम आंकड़े से एक डिग्री से भी कम दैनिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है. राजस्थान, तेलंगाना और महाराष्ट्र में भी रोजाना का अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है. जैसे 17 मार्च को राजस्थान में औसत अधिकतम तापमान 40.49 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. जबकि ऐसा अमूमन 13 मई को होता है.