बिहार में लोगों की संख्या बढ़ने से सरकार चिंतित हो गई हैजनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार ने कंडोम वितरित किए हैं बिहार सरकार कोरोना काल में जनसंख्या वृद्धि को लेकर चिंतित है. सरकार का मानना है कि लॉकडाउन के दौरान लाखों प्रवासी वापस लौटे हैं.
उन्हें 14 दिन क्वारनटीन करने के बाद घर भेजा गया. कहीं इससे जनसंख्या में बढ़ोतरी न हो इसके लिए सरकार ने अपनी तरफ से उपाय किए हैं.
उपमुख्यमंत्रीसुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में बढ़ती जनसंख्या से चिंतित राज्य सरकार ने क्वारनटीन सेंटरों में रहने वालों को केवल स्वास्थ्य, योग आदि का प्रशिक्षण और उनकी स्किल मैपिंग ही नहीं की, बल्कि वहां से जाते वक्त उन्हें परिवार नियोजन से संबंधित जानकारियां व गर्भ निरोधक सामग्रियां भी दी गईं.
अप्रैल में जहां 2.14 लाख तो मई में जब क्वारनटीन सेंटर में बाहर से आने वालों की संख्या बढ़ी तो 15.39 लाख कंडोम का वितरण किया गया. मोदी ने कहा कि प्रत्येक दशक के दौरान बिहार की जनसंख्या में 25 फीसदी की वृद्धि हो रही है, वैसे लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा, बाल विवाह निषेद्य व अन्य निरोधात्मक उपायों को अपना कर पिछले एक दशक में प्रजनन दर को 4.3 से घटाकर 3.2 पर लाने में सफलता मिली है.
जनसंख्या नियंत्रण की प्राप्ति के लिए फ्रंट लाइन आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम द्वारा कोरोना संक्रमण का घर-घर सर्वे के दौरान और 14 दिन की क्वारनटीन अवधि पूरी कर घर जाने वालों को परिवार नियोजन के बारे में सजग किया गया और जिन्हें जरूरत थी, उन्हें दो-दो पैकेट कंडोम उपलब्ध कराए गए.
योग्य दंपत्तियों को उनकी इच्छानुसार इस दौरान करीब 11 लाख दैनिक और आपातकालीन गर्भ निरोधक गोलियों का भी वितरण किया गया. सुशील मोदी ने अपील की कि प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर भी गर्भ निरोधक सामग्रियां उपलब्ध हैं, जिन्हें जरूरत हो वहां से ले सकते हैं.
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