अरपा नदी किनारे दोनों तरफ सड़क निर्माण किया जाना है। प्रस्तावित क्षेत्र में 700 से अधिक अवैध कब्जाधारी रहते हैं। पहले दिन लोगों ने नोटिस नहीं लिया।
इसे देखते हुए शनिवार को पुलिस के सहयोग से नोटिस की तामीली कराई जा रही है। एक सप्ताह बाद नदी किनारे बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी है।जिला प्रशासन ने इस बार कार्रवाई की कमान संभाल रखी है।
शुक्रवार को भी कुछ लोगों को नदी किनारे से कब्जा खाली करने के लिए नोटिस दिया गया था। ज्यादातर ने इसे लेने से इन्कार कर दिया। इसके कारण प्रशासन के सामने संकट की स्थिति खड़ी हो गई थी। नोटिस में कब्जा खाली करने छह दिन का समय दिया गया है।
नोटिस तामील नहीं होने से प्रशासन को आगे कार्रवाई में दिक्कत होती है। इसे देखते हुए शनिवार को पुलिस बल के साथ राजस्व अमले को नोटिस लेकर भेजा गया। पुलिस सामने आने के कारण ज्यादा विरोध-प्रदर्शन नहीं हो रहा है।
कुछ लोगों को नोटिस दिया गया है तो बाकियों के घर के सामने इसे चस्पा कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि अरपा नदी के किनारे रहने वाले ज्यादातर लोग सालों से वहां रह रहे हैं। अवैध कब्जे की कार्रवाई नहीं होने के कारण कई लोगों ने तो पक्के मकान भी बना लिए हैं। अब कार्रवाई होने से उनमें नाराजगी है।
इधर निगम प्रशासन नदी किनारे जो सड़क का निर्णय लिया है। इसके बीचों बीच यही अवैध कब्जा आ रहा है। ऐसे में सड़क बनाना है तो इन्हें हटाना होगा। प्रशासन बारिश पूर्व सभी को बेदखल कर उन्हें निगम के सरकारी मकानों में शिफ्ट करने की तैयारी है ताकि बारिश बाद तुरंत काम शुरू किया जा सके।
इस समय राजस्व विभाग नदी किनारे वालों का सर्वे भी कर रहा है और साथ ही साथ उन्हें नोटिस भी जारी कर रहा है। प्रशासन की जल्दबाजी कोे देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि एक सप्ताह में प्रशासन, पुलिस और निगम की टीम यहां बड़ी कार्रवाई कर सकती है।
नेताओं ने दी सहमति
ट्रैफिक को सुधारने के लिए अरपा नदी के दोनों ओर नदी किनारे सड़क बनाने की योजना है। ऐसा करने से लोग बेदखल हो रहे हैं। यही कारण है कि आला अधिकारियों ने नेताओं को भी प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए उनकी सहमति ले ली है। अब सीधे कार्रवाई की बारी है।
विरोधियों को मिला मौका
नदी किनारे प्रस्तावित कार्रवाई का सत्ताधारी पार्टी जहां समर्थन कर रही है वही विरोधी प्रस्तावित योजना के खिलाफ में है। जिन पर कार्रवाई होनी है वहां कुछ भाजपाई पार्षदों के वार्ड हैं। ऐसे में वे अब विस्थापन के खिलाफ खुलकर बोलने लगे हैं।
नदी किनारे सड़क बनने से शहर में ट्रैफिक की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। लोगों को नई रोड मिलेगी और नदी में भी साल भर पानी रहेगा। इस एक प्रोजेक्ट से शहर का नक्शा बदल जाएगा। कुछ लोग इससे प्रभावित भी जरूर हो रहे हैं। हमें जमीन का एक इंच हिस्सा भी अधिग्रहित करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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