WHO (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन) ने सोमवार को एक रिपोर्ट में चेतावनी देते हुई कहा कि कोरोना वायरस ने अभी तक अपनी क्षमता नहीं खोई है. यह वायरस अभी भी पहले जितना ही जानलेवा है, जिससे रोजाना हजारों लोगों की मौत हो रही है.
WHO के इमरजेंसी प्रोग्राम के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉक्टर माइक रेयान ने जेनेवा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘हमें बहुत ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. हमें ऐसा बिल्कुल नहीं सोचना चाहिए कि रोगजनक वायरस अपनी क्षमता खो बैठा है. ऐसा बिल्कुल नहीं है.’
दरअसल, इटली के एक डॉक्टर ने एक दिन पहले ही कोरोना वायरस के कमजोर पड़ने की बात सामने रखी थी. इटली के डॉक्टर की बात में कितनी सच्चाई है, ये जानने के लिए ही कॉन्फ्रेंस में डॉ. रेयान से प्रतिक्रिया मांगी गई थी.
लोम्बार्डी के सैन राफेल अस्पताल के प्रमुख अल्बर्टो जांग्रिलो ने इटली की एक ब्रॉडकास्ट कंपनी से कहा था, ‘यह वायरस क्लीनिकली रूप से अब इटली में मौजूद नहीं है. यह पहले की तुलना में कमजोर पड़ गया है. पिछले 10 दिनों में लिए गए स्वैब सैंपल से पता चलता है कि एक या दो महीने पहले की तुलना में अब इनमें वायरल लोड की मात्रा बहुत कम है.’
WHO के इमर्जिंग डिसीज एंड जूनोजिस यूनिट की प्रमुख डॉक्टर मारिया वैन करखोव ने सोमवार को कहा, ‘मैंने वो रिपोर्ट नहीं देखी है, लेकिन ऐसे उपाय हैं जिनके जरिए सरकारें वायरस के संचरण को कम कर सकती हैं. इसमें ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग और कोविड-19 के मरीजों को आइसोलेशन में भेजने जैसी बातें शामिल हैं.’
उन्होंने कहा, ‘अगर हम वायरस को यूं ही छोड़ देंगे तो यह और फैलेगा. इस पर ध्यान नहीं देंगे तो यह और लोगों को संक्रमित करेगा और लगभग 20% लोगों में बीमारी की वजह बनेगा.’ उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस हर इंसान को अलग तरह से प्रभावित कर सकता है.
डॉ. मारिया ने कहा कि कोरोना वायरस पूरी दुनिया में लगातार लोगों को संक्रमित कर रहा है. हालांकि कई चीजें ऐसी भी हैं जिनके जरिए हम इस संक्रमण को फैलने से रोक सकते हैं.
जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, तकरीबन 5 महीने पहले तेजी से फैलना शुरू हुआ यह वायरस अब तक 60 लाख से भी ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है और अब तक 3 लाख 70 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं.
WHO के अधिकारियों ने पिछले सप्ताह भी चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि जिन देशों में वायरस का असर कम हो रहा है, वहां इसका कहर दोबारा भी देखने को मिल सकता है. इसका प्रमाण खुद चीन है जिसे इस वायरस का गढ़ बताया जा रहा है.
फिलहाल वायरस सबसे ज्यादा प्रकोप दक्षिण अमेरिका और ब्राजील के रियो डि जेनेरियो और साओ पोलो में ही देखने को मिल रहा है.
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