मध्यप्रदेश में शराब दुकानें 25 मई की शाम से पूरी तरह अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गई हैं। कल दोपहर ही कारोबारियों ने इसका ऐलान कर दिया था। कारोबारियों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, इसलिए उन्हें यह फैसला करना पड़ा।
इसे लेकर कारोबारियों ने एक बार फिर गृहमंत्री से मुलाक़ात की थी। मगर नतीजा सिफर रहा। आखिरकार अब घाटे के कारण इन कारोबारियों ने शराब दुकान बंद करने का फैसला किया। आपको बता दें कि इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई कल बुधवार 27 मई को होने वाली है।
बताया जा रहा है कि सारा मामला फीस वसूली को लेकर है। कारोबारी इसे कम करने की मांग कर रहे हैं। कारोबारियों का कहना है कि लॉकडाउन में शराब की बिक्री नहीं हुई तो फीस कैसे दे पाएंगे। इससे पहले कारोबारियों ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात हुई थी।
उसके बाद मांगों पर राहत नहीं मिली है। कारोबारियों का कहना है कि सरकार सिर्फ मौखिक आश्वासन दे रही है कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। इसके साथ ही उनका कहना है कि जिन नियमों के आधार पर ठेके लिए थे उनका पालन संभव नहीं है। जहां दुकानें खुली हैं वहां बिक्री बहुत कम ही है।
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