रायपुर. छत्तीसगढ़ में बीते एक सप्ताह में 150 से अधिक कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के नए केस मिले हैं. महज 1 सप्ताह के भीतर ही 4 गुना के करीब नए मरीजों के मिलने से तमाम मानकों पर खलबली मच गई है. आलम यह है कि जब कलर जोन तय हुआ तो छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में एक भी जिले को ग्रीन जोन में शामिल नहीं किया गया.
ये बात इस ओर इशारा कर रहे है कि संक्रमण (COVID-19) के पूर्वानुमान पर स्थिति भयावह दिखाई दे रही है. बीते 1 सप्ताह में 1 दिन में सर्वाधिक 44 नए मामले सामने आए. तो वहीं रविवार को चंद घंटों में 36 नए मरीजों ने तमाम व्यवस्थाओं पर कोरोना संक्रमण का भारी होना साबित कर दिया.
अब स्थिति यह है कि आगे क्या होगा इस बात का सभी को भय सताने लगा है. निर्धारण के पूर्व राज्यों की मांग पर केंद्र सरकार ने रेड ग्रीन और ऑरेंज जोन निर्धारण का अधिकार राज्य सरकारों को दिया था जिस पर राज्यों ने तय मानकों के अनुसार निर्णय लिया.
छत्तीसगढ़ में अपने निर्णय में 3 जिले बिलासपुर, कोरबा और कवर्धा के चार विकासखंड को रेड जोन में शामिल किया तो वहीं 25 जिलों के 80 विकासखंडों को ऑरेंज जोन में शामिल किया गया है. ग्रीन जोन की सूची में एक भी जिले को शामिल नहीं किया गया लेकिन कुछ विकासखंडों को जरूर ग्रीन जोन बनाया गया है.
आखिर कैसे तय होता है यह कलर जोन
केंद्र सरकार के गाइडलाइन के अनुसार कलर जोन के लिए दो श्रेणियां क्रिटिकल और डिजायरेबल रखी गई है. क्रिटिकल श्रेणी तब मानी जाएगी जब एक लाख आबादी पर 15 कोरोना केस पिछले सात दिनों में, डबलिंग रेट 14 दिन, मृत्यु दर 6 फीसदी, प्रति लाख टेस्ट 65 और नमूनों के पॉजीटिव होने की दर 6 फीसदी हो गई हो. डिजायरेबल श्रेणी में एक लाख आबादी पर शून्य मामले, डबलिंग रेट 28 दिन, मृत्यु दर एक फीसदी, प्रति लाख पर 200 टेस्ट तथा नमूनों के पॉजीटिव होने की दर दो फीसदी होनी चाहिए. तय गाइडलाइन के साथ ही केंद्र सरकार ने स्प्ष्ट किया है कि समय-समय पर इन मानकों को बदलाव सम्भव है.
ऐसे बदल सकता है आपका जोन
रेड जोन से ऑरेंज जोन: 21 दिनों तक वहां कोई नया मरीज न मिले तो कलर जोन बदल सकता है.
ऑरेंज जोन से ग्रीन जोन: सभी मरीज ठीक हो चुके हो तथा वहां 21 दिनों तक कोई नया मरीज न मिला हो तो ऑरेंज से ग्रीन जोन किया जा सकता है.
एक नज़र आपके जोन में क्या होगा बहाल क्या रहेगा बदहाल:
अपने शहर का कलर जोन जानिए
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से कोविड-19 के तहत कलर जोन निर्धारण किया है. राज्य सरकार ने विकासखंड को कलर जोन में बांटा है. प्रदेश के तीन जिले बिलासपुर के तखतपुर और मस्तूरी विकासखंड, कोरबा जिले के कोरबा विकासखंड और बालोद जिले के डौंडीलोहारा विकासखंड को रेड जोन में शामिल किया गया है.
ऑरेंज जोन में 25 जिले के 80 विकासखंड:-
- बालोद,
- डौंडी,
- बम्हनीडी,
- ढ़भरा,
- जैजैपुर,
- मालखरौदा,
- नवागढ़,
- सत्ती,
- भाटापारा,
- बिलाईगढ़,
- सिमगा,
- पलारी,
- कसडोल,
- किलेपाल,
- नानपुर,
- बकावंड,
- नवागढ़,
- भैरमगढ़,
- गीदम,
- गुजरा,
- कुरूद,
- मगरलोड,
- नगरी,
- धमतरी शहरी,
- पाटन,
- निकुम,
- लोरमी,
- मुंगेली,
- लैलूंगा,
- धरमजयगढ़,
- मोहल्ला,
- घुमका,
- छुरिया,
- डोंगरगांव,
- डोंगरगढ़,
- मैनपाट,
- अंबिकापुर,
- बतौली,
- लखनपुर,
- लुंड्रा,
- उदयपुर,
- सीतापुर,
- दुर्गुकोंदल,
- कांकेर,
- भानूप्रतापपुर,
- अभनपुर,
- आरंग,
- धरसींवा,
- रायपुर शहरी,
- कुसमी,
- राजपुर,
- शंकरगढ़,
- रामानुजगंज,
- वाड्रफनगर,
- राजिम,
- पत्थलगांव,
- बगीचा,
- फरसगांव,
- भरतपुर,
- खड़गवां,
- बागबाहरा,
- महासमुंद,
- पिथौरा,
- बसना,
- सरायपाली,
- सूरजपुर,
- ओडगी,
- रामानुज नगर,
- सहसपुर,
- लोहारा,
- पंडरिया,
- कोटा,
- बिल्हा,
- बिलासपुर शहरी,
- बरमकेला,
- सारंगढ़,
- खरसिया
- और रायगढ़ शहरी को ऑरेंज में शामिल किया गया है।
शेष विकासखंड ग्रीन जोन में शामिल हैं.
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