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प्रघुम्न हत्याकांड: क्या गुनाह था मेरे बच्चे का, मासूम की मां का विलाप सुनकर आ जाएंगे आंसू

नई दिल्ली। गुरुग्राम के एक स्कूल में निर्मम हत्या का शिकार हुए सात साल के प्रघुम्न की हत्या के आरोपी भोलू के खिलाफ सीबीआई की चार्जशीट दाखिल होने के बाद मृत बच्चे के पिता बरुण चंद्र ठाकुर इंसाफ मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन बच्चे की मां सुषमा ठाकुर बस एक ही रट लगाए बैठी है कि क्या गुनाह था उनके बेटे का सुषमा के दर्द को बयां करता गीत, क्या गुनाह था मेरे बच्चे काÓ को चार लाख से ज्यादा लोगों ने यूट्यूब पर सुना और देखा है। सुषमा ठाकुर की मानसिक स्थिति और बेटे को खोने के दर्द को इस गाने में संप्रेषित किया है जाने माने लेखक एवं गीतकार डॉ. बीरबल झा ने इसे लिखा है और स्वर दिया है संजना प्रियदर्शिनी ने। डॉ. बीरबल कहते हैं, गाने में महज सुषमा ठाकुर का विलाप नहीं है, बल्कि एक पुकार और गुहार है, जो वह दुनिया से करती है। वह दुनिया की हर मां को सचेत करती है कि बहशी, दरिंदों की पहुंच विद्या के मंदिरों तक में हो चुकी है, जो समाज के लिए खतरा है। गुरुग्राम के इस हत्याकांड में अदालत ने हत्यारोपी किशोर का असली नाम उजागर करने पर रोक लगाते हुए उसे एक कल्पित नाम भोलू दिया है। अदालत ने मृतक मासूम के असली नाम की जगह प्रिंस का प्रयोग करने का निर्देश दिया है और उस स्कूल के नाम की जगह अब सिर्फ विद्यालय लिखा जाएगा। स्कूल में आठ सितंबर, 2017 को मासूम छात्र की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। मामले में पहले स्कूल के बस कंडक्टर अशोक कुमार को आरोपी बनाया गया था। बाद में 22 सितंबर को मामले की जांच का जिम्मा केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपा गया। अदालत ने 16 वर्षीय हत्या के आरोपी किशोर के साथ मामले में वयस्क जैसा व्यवहार करने का फैसला लिया

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