रायपुर। प्रदेश सरकार की एक और सपना साकार होने वाली है। 40 वर्षों से लंबित प्रदेश की बहुद्देशीय बोधघाट सिंचाई परियोजना को अंतत: केन्द्र से सहमति मिल गई है। अब इस सिंचाई परियोजना के काम को आगे बढ़ाने केंद्र ने सहमति दे दी है।
राज्य की महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजनाओं में से एक बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए अंतत: केंद्रीय जल आयोग ने अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। 40 वर्षों से लंबित इस परियोजना को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे लगातार प्रयासरत थे।
इसी का परिणाम है कि बोधघाट परियोजना के प्री फिजिबिलिटी रिपोर्ट (प्रारंभिक साध्यता प्रतिवेदन)को भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय और केंद्रीय जल आयोग ने अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। अब इस परियोजना के सर्वेक्षण एवं विस्तृत प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर)तैयार करने का काम तेजी से कराया जा सकेगा।
यहां यह उल्लेखनीय है कि बीते दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से बोधघाट परियोजना के संबंध में विस्तार से चर्चा की थी और इस परियोजना की महत्ता के बारे में विस्तार से बताया था। जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने केंद्रीय मंत्री जल संसाधन मंत्री श्री शेखावत से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रेषित प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट पर सहमति देने का आग्रह किया था।
मंत्री श्री चौबे ने बताया कि बोधघाट परियोजना की प्री फिजिबिलिटी रिपोर्ट 2 अप्रैल 2020 को केंद्रीय जल आयोग को भेजी गई थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ जल संसाधन विभाग द्वारा इस परियोजना के सर्वेक्षण अनुसंधान और डीपीआर तैयार कराए जाने को लेकर भी अपने स्तर से प्रयास शुरू कर दिया गया था,ताकि भारत सरकार से मंजूरी मिलते ही इस काम को अविलंब आगे बढ़ाया जा सके।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फरवरी-मार्च 2019-20 के बजट सत्र में विधानसभा में बोधघाट सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्य को हाथ में लिए जाने की घोषणा की थी। यह परियोजना जल संसाधन विभाग के वर्ष 2020-21 के बजट में भी शामिल है। मंत्री श्री चौबे ने कहा कि बोधघाट बहुद्देशीय सिचाई परियोजना बस्तर संभाग और राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
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